जेल में बनी वस्तुओं की लगी प्रदर्शनी, एक से बढ़कर एक कारीगरी लोगों को लुभा रही

जेल में बनी वस्तुओं की लगी प्रदर्शनी, एक से बढ़कर एक कारीगरी लोगों को लुभा रही

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-24 09:03 GMT
जेल में बनी वस्तुओं की लगी प्रदर्शनी, एक से बढ़कर एक कारीगरी लोगों को लुभा रही

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सेंट्रल जेल परिसर में कैदियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की प्रदर्शनी का विक्री केंद्र में उद्घाटन किया गया। शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बी जी गायकर के हाथों उदघाटन संपन्न हुआ। जेल में बंद महिला और पुरुष कैदियों ने कारखाने में काम करके इन गृहपयोगी वस्तुओं को बनाया है। इन वस्तुओं की विक्री के लिए जेल परिसर में कारागृह निर्मित वस्तु का विक्री केंद्र शुरू किया गया है। इसी केंद्र में कैदियों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई जाती है।

इस प्रदर्शनी में रंगीन पर्दे, हाथों से बुनी गई साडियां, दरी, कपड़े, टावेल आदि सहित अन्य विविध प्रकार  की वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है। विक्री केंद्र सुबह 9 से रात 8 बजे तक शुरू रखा जाता है। इस विक्री केंद्र से होने वाली कमाई को कैदियों के उपर ही खर्च किया जाता है। इसे कैदी सुधार व पुनवर्सन के अंतर्गत हर साल किया जाता है। प्रदर्शनी उदघाटन के अवसर पर सिने कलाकार राजेश चिटणीस, कारागृह अधीक्षक अनूपकुमार कुमरे, कारखाना प्रबंधक राजाराम भोसले, वरिष्ठ जेल अधिकारी वसंत वानखेडे, विकास रजनलवार, कमलाकर मिरासे, आनंद कांदे, दयानंद सोरटे, देवराव  आढे, बी चव्हाण शिक्षक योगेश पाटील 
व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। 

दो माह पहले शुरू कर देते हैं बनाने का कार्य 

जेल प्रशासन ने बताया कि जेल में बने कारखानों के अंदर महिला व पुरुष कैदियों से गृहपयोगी वस्तुओं का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाता है। इस वर्ष जेल के कारखाना में 250-300 महिला पुरुष कैदियों ने विविध प्रकार की वस्तुओं का निर्माण कार्य किया। उनके द्वारा निर्माण की गई वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है। इस कारखाने में निर्माण की गई वस्तुओं को ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराने का कार्य जेल प्रशासन कई वर्षों से करते आ रहा है।  कैदियों को जेल से बाहर आने के बाद सही तरीके से जीवनयापन करने से उद्देश्य से जेल प्रशासन द्वारा अन्य कई तरह के उपक्रम चलाए जाते हैं।  इसके लिए विक्री केंद्र का निर्माण जेल परिसर में किया गया है।

 

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