हर दिन मिल रहे 90 लाख, बांटना है 43 करोड़, बैंकों के चक्कर लगा रहे किसान

हर दिन मिल रहे 90 लाख, बांटना है 43 करोड़, बैंकों के चक्कर लगा रहे किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 07:54 GMT
हर दिन मिल रहे 90 लाख, बांटना है 43 करोड़, बैंकों के चक्कर लगा रहे किसान

 डिजिटल डेस्क कटनी ।  समर्थन मूल्य पर धान बेचते हैं तो रुपया अटकता है और नहीं व्यापारियों को देते हैं तो पर्याप्त दाम नहीं मिलते हैं। कई चक्कर लगाने के बाद भी किसानों को सहकारी बैंकों से बैरंग लौटना पड़ रहा है। यह स्थिति जिले के धान उत्पादक किसानों की है। किसानों का अभी भी 43 करोड़ रुपया सहकारी बैंकों में अटका है। जो रकम नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा भुगतान कर दी गई है किसानों को उसका भी आहरण करने में परेशानी हो रही है। सहकारी बैंकों नोडल बैंकों से हर दिन 90 लाख रुपये मिल रहे हैं और भुगतान 43 करोड़ से अधिक का होना है। अब तक जिले में दस लाख 78 हजार 424 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। इसमें से किसानों को देय कुल राशि में ऋण वसूली पश्चात 113 करोड़, 59 लाख 26 हजार 255 रुपये का भुगतान किया गया है। किसानों को अभी 43 करोड़ 97 लाख 50414 रुपये का भुगतान होना शेष है।
बैंकों की लिमिट ने बढ़ाई मुसीबत-
आरबीआई ने सहकारी बैंकों की लिमिट तय कर रखी है और किसी भी शाखा से प्रतिदिन अधिकतम दस लाख रुपये का भुगतान किया जा सकता है। जिले में सहकारी बैंकों की नौ शाखाएं हैं। इस तरह दिन अधिकतम 90 लाख रुपये का ही भुगतान संभव हो पता है। तय लिमिट पर हर दिन भुगतान किया जाए तो पूरी रकम का भुगतान करने में सहकारी बैंकों को डेढ़ माह लग जाएंगे।
कहां कितना है बकाया-
जानकारी के अनुसार 54 धान खरीदी केन्द्रों में कई केन्द्र ऐसे जिनमें किसानों को 50 लाख रुपये से अधिक भुगतान होना शेष है। प्राथमिक कृषि साख समिति कटनी में 68 लाख, कनवारा में एक करोड़ 84 लाख, कौंडिय़ा में 51 लाख, कुआं में 31 लाखख् बराही बाकल में 86 लाख, दशरमन में एक करोड़ 12 लाख, रीठी में एक करोड़ 27 लाख, बडग़ांव में एक करोड़ 14 लाख रुपये का भुगतान शेष है। विजयराघवगढ़ में 27 लाख, देवराकला में 50 लाख रुपये से अधिक भुगतान बकाया है। देवरा के छोटेलाल पटेल ने बताया कि उसने 30 क्विंटल धान 15 दिन पहले बेची थी, रुपयों के लिए अब तक भटक रहा है।  यही स्थिति देवलहा के सुरेश पटेल, मड़ई के बृजेन्द्र सिंह की भी है। ये किसान भी रुपयों के लिए भटक रहे थे।
इनका कहना है-
सहकारी बैंकों की आरबीआई ने लिमिट तय कर दी है।  प्रत्येक शाखा से प्रतिदिन दस लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया जा रहा है। लिमिट तय होने से कुछ समस्या आती है फिर भी यह प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को निराश नहीं लौटना पड़े।
अरविंद पाठक प्रबंधक जिला सहकारी बैंक

 

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