किसानों के सामने सत्यापन का अडंगा, पंजीयन के बाद भी नहीं हो रही खरीदी

किसानों के सामने सत्यापन का अडंगा, पंजीयन के बाद भी नहीं हो रही खरीदी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-20 07:59 GMT
किसानों के सामने सत्यापन का अडंगा, पंजीयन के बाद भी नहीं हो रही खरीदी

डिजिटल डेस्क, कटनी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किसानों के लिए वरदान के बजाय अभिशाप बनती जा रही है। हालांकि दो दिन से धान खरीदी में भी तेजी आई है। सत्यापन में गड़बड़ी का खामियाजा धान उत्पादक किसानों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं धान का समय पर परिवहन नहीं होने से धान बेचने वाले किसानों के भुगतान में भी विलम्ब हो रहा है। जो किसान सौ क्विंटल से धान उपजाते हैं उन्हे पांच क्विंटल खरीदी का मैसेज मिल रहा है। पूर्व में पंजीयन कराने वाले किसानों के सूची से नाम ही गायब हैं या फिर उनके नाम दूसरे केन्द्रों में जोड़ दिए गए हैं। जिले धान खरीदी के लिए 56 केन्द्र बनाए गए हैं जिनमें 55 केन्द्रों में खरीदी प्रारंभ होने के दावे किए गए हैं। अब तक 1877 किसानों से 15688 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है।
पंजीयन कराया, सत्यापन नहीं
बहोरीबंद तहसील के पटवारी हल्का चांदनखेड़ा के ग्राम साडा के दर्जनों किसानों ने तहसीलदार से शिकायत कर सत्यापन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। किसानों ने सामूहिक शिकायत में आरोप लगाया है कि धान विक्रय के लिए खरीदी केन्द्र बरही में पंजीयन कराया था। पटवारी द्वारा सत्यापन नहीं किए जाने से किसानों से धान की खरीदी नहीं की जा रही है। जिस किसान के यहां 100 क्विंटल धान होती है, उससे मात्र पांच क्विंटल खरीदी की जा रही है। सत्यापन नहीं होने से साडा गांव के किसान का विक्रय करने से वंचित हो रहे हैं।

झिन्ना पिपरिया के 150 किसान गायब
साडा की तरह ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम झिन्ना पिपरिया के 159 किसानों के नाम गायब हैं। यहां के किसानों के साथ भी सत्यापन की समस्या आड़े आ रही है। बताया गया है कि झिन्ना पिपरिया के किसानों के नाम भी खरीदी केन्द्र में खरीदी के लिए शो नहीं कर रहे हैं। पोर्टल में जांच करने पर असत्यापित दर्शा रहा है। जबकि उक्त कसानों ने खरीदी केन्द्र में पंजीयन कराया था। अब उनके सामने भी धान बेचने की समस्या है। जब तक सत्यापन नहीं होगा तब तक उनकी धान खरीदी नहीं जाएगी।

इनका कहना है
पंजीकृत किसानों के रकबा सत्यापन की समस्याएं सामने आ रही हैं। पटवारियों द्वारा गिरदावरी में किए गए सत्यापन में तकनीकी त्रुटि के कारण ऐसी समस्या सामने आई है। ऐसे किसान 24 दिसम्बर तक संबंधित तहसील कार्यालयों में आवेदन देकर सुधार करा सकते हैं।
पी.के.श्रीवास्तव जिला आपूर्ति अधिकारी

 

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