पिता ने बेटे को दी दूसरी जिंदगी, सुपर अस्पताल में 25वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल

पिता ने बेटे को दी दूसरी जिंदगी, सुपर अस्पताल में 25वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल

Anita Peddulwar
Update: 2017-11-23 05:07 GMT
पिता ने बेटे को दी दूसरी जिंदगी, सुपर अस्पताल में 25वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल

डिजिटल डेस्क, नागपुर|  किडनी खराब होने से जिंदगी की बागडोर नाजुक हो जाती है। अपने जवान बेटे की किडनी खराब होने पर उसकी दशा जब पिता से देखी नहीं गई तो उसने अपनी किडनी दे दी।    सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बुधवार 22 नवंबर को 25वीं किडनी का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। मरीज  कमलेश गुप्ता (32) को उसके पिता श्यामलाल ने किडनी दी और इसी के साथ सुपर में 25वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल हो गया। मरीज पिछले 6 माह से किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस पर था। ऑपरेशन में डॉ.संजय कोलते, डॉ.धनंजय सेलूकर, डॉ.समीर चौबे, डॉ.विशाल रामटेके, डॉ.विजय श्रोते सहित अन्य स्टॉफ ने सहयोग किया।

इधर "जाई" बाघिन की किडनी हुई खराब
डिजिटल डेस्क, नागपुर|  बाघों को लेकर काफी समय से सुर्खियों में रहने वाला विदर्भ इन दिनों जाई बाघिन को लेकर चर्चा में है। महाराजबाग प्राणी संग्रहालय के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी जाई नामक बाघिन की किडनी में इन्फेक्शन होने से उसकी तबीयत खराब हो गई है। गंभीर अवस्था में उसका उपचार किया जा रहा है। उसके खाना-पीना छोड़ने की जानकारी है। महाराजबाग में कुल तीन बाघिन और एक बाघ था। उसमें से एक बाघिन और एक बाघ को गोरेवाड़ा के रेस्क्यू सेंटर में प्रजनन के लिए स्थानांतरित किया गया है। फिलहाल महाराजबाग में दो बाघिन हैं, जिसमें से एक जाई है। जाई और जुई दोनों बाघिन अपनी मां से बिछड़ने के बाद 2 नवंबर 2008 को चंद्रपुर के जंगलों से उन्हें महाराजबाग लाया गया था। उसके बाद महाराजबाग प्रशासन ने उसका लालन पालन किया है। उसमें से एक बाघिन की उसी समय मृत्यु हो गई थी। उसके बाद जाई महाराजबाग में पली-बढ़ी और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। पिछले दिनों जाई के पिंजरे के पास एक सांप दिखाई दिया था। उसके बाद जाई बाघिन के पैर में सूजन आ गई थी। महाराजबाग प्रशासन द्वारा उसका उपचार किया जा रहा था। उपचार के बाद जाई के पैर की सूजन कम हुई थी, लेकिन आठ दिन के बाद जाई की तबीयत अचानक बिगड़ने से उसकी फिर जांच की गई। जिसमें उसकी किडमी खराब होने की बात पता चली।

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