अब जनहित से जुड़े विषयों पर पीएचडी के लिए मिलेगी आर्थिक मदद

अब जनहित से जुड़े विषयों पर पीएचडी के लिए मिलेगी आर्थिक मदद

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-08 08:41 GMT
अब जनहित से जुड़े विषयों पर पीएचडी के लिए मिलेगी आर्थिक मदद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) द्वारा देश में गुणवत्तापूर्ण रिसर्च को खासा बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि जनहित से जुड़े विषयों पर अधिक से अधिक पीएचडी रिसर्च हो सके। एचआरडी ने इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए स्कीम फॉर ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडियाज डेवलपिंग इकोनॉमी (स्ट्राइड) प्रोग्राम लांच किया है। 

यह है उद्देश्य

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में नागपुर विश्वविद्यालय समेत देश भर के शिक्षा संस्थानों को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है। यूजीसी के अनुसार, देश में सामाजिक मुद्दों, स्थानीय जरूरतों और राष्ट्र हितों पर आधारित पीएचडी रिसर्च बढ़ने चाहिए। इनका देश और समाज को फायदा भी मिलना चाहिए। इस प्रोग्राम के तहत शोधार्थी सिर्फ किसी एक डिसिप्लिन में बंध कर नहीं रहेंगे, बल्कि शोध के लिए जरूरी हो तो दूसरी मल्टी और इंटर डिसिप्लिनरी रिसर्च भी कर सकते हैं। इसके लिए एचआरडी उन्हें फंडिंग भी करेगा। 

आसानी से समझें तीन हिस्सों में 

इस पूरे प्रोग्राम को एचआरडी ने तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में स्थानीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का समाधान देने वाली रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक विवि की प्रत्येक डिसिप्लिन को 1 करोड़ रुपए तक का फंड दिया जाएगा। दूसरे हिस्से में भारतीय नागरिकों के हितों और अर्थव्यवस्था के लिए कारगर रिसर्च पर केंद्रित रिसर्च, जिसमें यूनिर्वसिटी, सरकार, स्वयंसेवी संस्थाएं और इंडस्ट्री एक साथ जुड़ेगी, के लिए 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक की फंडिंग दी जाएगी। इसी तरह तीसरे हिस्से में ह्यूमेनिटिज के तहत ‘हाई-इंपैक्ट’ रिसर्च को भी बढ़ावा दिया जाएगा। फिलॉसॉफी, हिस्ट्री, सायकोलॉजी, लिब्रल आर्ट्स जैसे विषयों पर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा संस्थान को 1 करोड़ और  मल्टी इंस्टीट्यूशनल नेटवर्क को 5 करोड़ तक का फंड दिया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा आमंत्रित प्रपोजल के लिए 2 लाख रुपए का फंड निर्धारित किया गया है।   

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