अनाडिय़ों के हाथों में थमा दिए फायर ब्रिगेड के स्टेयरिंग!

अनाडिय़ों के हाथों में थमा दिए फायर ब्रिगेड के स्टेयरिंग!

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-04 09:13 GMT
अनाडिय़ों के हाथों में थमा दिए फायर ब्रिगेड के स्टेयरिंग!

आरोप -आउटसोर्स से आए एक दर्जन से ज्यादा ड्राइवर, ज्यादातर परफेक्ट नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
80-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाने में महारत न होने के बावजूद ओएफके के फायर ब्रिगेड में नौसिखिए वाहन चालकों को शामिल कर लिया गया है। कामगार यूनियन के श्रमिक नेताओं का आरोप तो यह भी है कि विभाग प्रमुख की लापरवाही के चलते दमकल विभाग में लाखों के ब्लैंकेट वितरित नहीं किए जा सके हैं। 
आयुध निर्माणी खमरिया के बेहद संवेदनशील सेक्शन फायर ब्रिगेड में रत्ती भर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। लेकिन कामगार यूनियन की मानें तो अनुभाग प्रमुख अरविंद यादव की लापरवाही के चलते इन दिनों अंधेरगर्दी का साम्राज्य फैला हुआ है। 3-3 लाख रुपए कीमत वाले ब्लैंकेट अभी तक क्यों बाँटे नहीं जा सके, इसका कोई जवाब नहीं दे रहा, जबकि ब्लैंकेट रखे-रखे बर्बाद होने की कगार पर पहुँच चुके हैं। यूनियन के राकेश शर्मा, राजेंद्र चडारिया, रुपेश पाठक, प्रेमलाल सेन, अरुण मिश्रा, कृष्ण कुमार शर्मा, सतिन शर्मा व राकेश पासवान ने प्रबंधन से तत्काल कार्यवाही की माँग की है। 
दिल्ली से आए चैसिस, कुछ काम न आए 
किसी विशेष जरूरतों के लिए काफी समय पहले दिल्ली से ट्रक की चैसिस बुलाई गई। श्रमिक नेताओं का आरोप है सेक्शन प्रमुख की अदूरदर्शिता के कारण ऐसे उल जलूल प्रयोग किए गए कि वाहन किसी काम का नहीं रहा। इस तरह से लाखों रुपए बर्बाद हो गए।
दो वाहन खरीदे, कंडम हो गए 
फायर ब्रिगेड को अपग्रेड करने के लिए दो 709 गाडिय़ाँ खरीदी गईं। कामगार यूनियन के नेताओं का आरोप है कि फायर पंप कंडम गाडिय़ों में लगा दिए गए। जिससे नई गाडिय़ाँ खड़े-खड़े बर्बाद हो गईं। दूसरी तरफ पंप वाली गाडिय़ाँ पुरानी होने के कारण हादसे के दौरान क्विक रिस्पांस न देने की आशंका भी बढ़ गई है। 

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