करंट का जाल फैलाकर करते थे टाइगर का शिकार, 3 शिकारी गिरफ्तार

करंट का जाल फैलाकर करते थे टाइगर का शिकार, 3 शिकारी गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-15 07:57 GMT
करंट का जाल फैलाकर करते थे टाइगर का शिकार, 3 शिकारी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, सतना। सरभंग ऋषि के आश्रम के करीब शिकारियों द्वारा करंट का जानलेवा जाल फैलाकर युवा बाघ की जान लेने की घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी व्याप्त है। करंट लगाकर शिकार करने वाले तीन शिकारियों को वन अमले ने हिरासत में लिया है। न्यायालय में पेश करने के बाद तीनों को रिमांड में लेकर पुलिस पुछताछ कर रही है, जिसके बाद और भी मामलों का खुलासा होने की संभावना है।

न्यायालय में किया पेश-
मंगलवार को इस दारुण घटना को अंजाम देने में शामिल 3 आरोपियों को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी चित्रकूट की अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश महेन्द्र सिंह की अदालत ने तीनों आरोपियों को 2 दिन के लिए फॉरेस्ट रिमांड पर भेज दिया है। तीनों आरोपियों रज्जन कोल तनय धुकुआ कोल, राजेश मवासी उर्फ धीरू तनय रंगलाल तथा ज्वाला सतनामी के खिलाफ वन्यप्राणी अधिनियम 1972 की धारा 2,9,50,51 के तहत मझगवां रेंज में अपराध दर्ज किया गया है। इधर घटना की तह में छिपी सच्चाई का पता लगाने के लिए वन संरक्षक राजीव मिश्र ने 2 जांच दल गठित कर अलग-अलग तरीके से बारीकी का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। भविष्य में करंट फैलाकर वन्यप्राणियों का शिकार न हो इसके लिए विद्युत कम्पनी को भी पत्र लिखकर सतर्कता और सहयोग की अपेक्षा की है।

जांच दल में यह शामिल-
युवा नर बाघ की मौत के मामले में कहां और कैसी चूक हुई, इसमें कौन-कौन दोषी है, संसाधन मुहैया कराने के बाद भी गंभीर घटना कैसे हो गई इन तमाम बातों का पता लगाने के लिए वन संरक्षक श्री मिश्र द्वारा 2 जांच दल गठित किए गए हैं। एक दल में टाइगर स्ट्राइक फोर्स के प्रभारी एसडीओ धीरेन्द्र प्रताप सिंह, मैहर एसडीओ श्रीकांत शर्मा तथा एसडीओ जीआर सिंह को बिन्दुवार जांच का जिम्मा सौंपा है। दूसरे जांच दल में धीरेन्द्र प्रताप सिंह तथा बीपी तिवारी को शामिल किया गया है। इन दोनों दलों की जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित होगी।

रिजेक्ट विद्युत लाइनें खतरा-
वन संरक्षक राजीव मिश्र ने विद्युत वितरण कम्पनी के एसई को पत्र लिखकर कहा है कि जिले के जंगली क्षेत्रों में कई अनुपयोगी विद्युत लाइन आज भी हैं। इन लाइनों में दौड़ रहे करंट का उपयोग शिकारी वन्यजीवों के शिकार में करते हैं। लिहाजा इन्हें वन क्षेत्रों से हटाया जाए, ताकि वन्यजीवों को शिकारियों से बचाया जा सके। इसी के साथ यह भी अपेक्षा की गई है कि निर्जन स्थानों से होकर गुजरने वाली विद्युत लाइनों की सर्चिंग का बंदोबस्त भी किया जाए, ताकि शिकारी कटिया फंसाकर करंट से शिकार नहीं कर सकें। इस सम्बंध में की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी भी चाही गई है।

 

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