सहकारी समितियों में करोंड़ों का भ्रष्टाचार, गबन के 200 से अधिक प्रकरण

सहकारी समितियों में करोंड़ों का भ्रष्टाचार, गबन के 200 से अधिक प्रकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-29 08:56 GMT
सहकारी समितियों में करोंड़ों का भ्रष्टाचार, गबन के 200 से अधिक प्रकरण

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और सहकारी समितियों में खुल के भ्रष्टाचार हुआ है। एक-एक समिति ने करोड़ रुपए से ऊपर का गोलमाल किया है। पूरे संभाग में सहकारिता में गबन और धोखाधड़ी के 240 प्रकरण लंबित हैं। इसमें करीब 5 करोड़ रुपए की वसूली होनी है। सबसे बड़ी बात अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश करते हैं।

समिति स्तर पर हुए गबन के सर्वाधिक प्रकरण शहडोल जिले के हैं। यहां आज की स्थिति में गबन के  98 प्रकरण लंबित हैं। इनमें 2 करोड़ 42 लाख रुपए की वसूली होनी है। इसी तरह उमरिया और अनूपपुर जिले में 71-71 प्रकरण लंबित हैं। इनमें क्रमश: एक करोड़ 2 लाख रुपए और एक करोड़ 45 लाख रुपए की वसूली होनी है। सहकारी बैंकों के विभिन्न शाखाओं में भी करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है।

सबसे बड़ी बात कार्रवाई के नाम पर समिति के अधिकतर कर्मचारियों को सस्पेंड या टर्मिनेट कर दिया जाता है। बहुत हुआ तो विभागीय जांच बैठा दी। यानि लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करो और फिर आराम से घर में बैठ जाओ। भ्रष्ट कर्मचारी के खिलाफ न तो कोई बड़ी कार्रवाई की जाती है और न ही वसूली के लिए कोई बड़े कदम उठाए जाते हैं। आपको बता दें कि तीनों जिलों में करीब 5 करोड़ 14 लाख रुपए के हुए गबन में अभी तक मात्र 24 लाख रुपए की ही वसूली हुई है। जबकि कुछ मामले 10 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। बहुत से कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

तीनों जिलों में सिर्फ 14 पर ही हुई एफआईआर
गबन और धोखाधड़ी के 240 मामले में सिर्फ 14 पर एफआईआर हुई है। इनमें भी उमरिया में सिर्फ एक एफआईआर हुई है। 2012-13 में हुए 22 लाख से अधिक के गबन के मामले में पाली शाखा के मालाचुआ समिति के तत्कालीन लैम्पस प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर हुई थी। इसके बाद उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया था, लेकिन अभी तक एक रुपए की वसूली नहीं हो सकी है। इसी तह शहडोल जिले के बलबहरा समिति के तीन विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी और सेवा से पृथक किया गया था, लेकिन वसूली नहीं हो सकी है।

गबन के विभिन्न मामलों में अभी तक 233 कर्मचारी या तो सेवा से पृथक किए जा चुके हैं या रिटायर हो चुके हैं। इनमें 98 शहडोल जिले के, 68 अनूपपुर जिले के और 67 उमरिया जिले के हैं। विभाग की ओर से की गई अधिकतर कार्रवाई छोटे कर्मचारियों पर ही की गई है।

 

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