सरकारी नौकरी का झांसा देकर डेढ़ करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह पकड़ाया

सरकारी नौकरी का झांसा देकर डेढ़ करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह पकड़ाया

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-28 06:14 GMT
सरकारी नौकरी का झांसा देकर डेढ़ करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह पकड़ाया

डिजिटल डेस्क,नागपुर। अंतरराज्यीय स्तर पर धोखाधड़ी में सक्रिय गिरोह के तीन सदस्यों को गणेशपेठ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चार वर्ष से वह फरार थे। उसमें से दो आरोपियों को पुणे से लाया गया है। अभी तक 28 बेरोजगारों ने प्रकरण दर्ज कराया है। विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी देने का झांसा देकर उनसे डेढ़ करोड़ वसूले गए थे। उन्हें फर्जी नियुक्त पत्र थमाया गया था।

तब हुआ खुलासा

बता दें कि जब बेरोजगार संबंधित विभाग में नियुक्त-पत्र लेकर पहुंचे उसके फर्जी होने का खुलासा हुआ। इससे गिरोह का पर्दाफाश हो गया। 28 बेरोजगारों ने अभी तक गिरोह के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। कुल 1 करोड़ 85 लाख 20 हजार रुपए से उन्हें ठगा गया है। पूर्व में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के भी विविध शहरों में प्रकरण दर्ज हुए हैं। गिरोह सदस्य खुद बेरोजगार हैं, लेकिन खैरात की तरह सरकारी नौकरियां कागजों पर बांटते रहे।

फर्जी पहचान-पत्र भी थे गिरोह के पास 

नागपुर में घटित प्रकरण के दौरान आरोपी निकिता ने खुद की पहचान लेबर वेलफेयर विभाग में अफसर होने के रूप में दी थी। कई लोगों को मंत्रालय में भी कार्यरत होने का झांसा दिया था। नागपुर में प्रकरण के दौरान पीड़ित बेरोजगार को गणेशपेठ स्थित बस स्थान के पास रुपए लेकर बुलाया गया था। वहां पर उससे साढ़े ग्यारह लाख रुपए लिए गए थे।

गिरफ्तार आरोपी 

गिरफ्तार आरोपियों में नागपुर निवासी मिलिंद मेश्राम, गणेश दत्तात्रय देशमुख (29) सातारा और राजेश भानुदास भारस्कर (32) मूलत: अकोला वर्तमान में गोंधले नगर, हडपसर पुणे निवासी है। यह लोग अंतरराज्यीय स्तर पर धोखाधड़ी में सक्रिय गिरोह के सदस्य हैं। इसके पहले रोशन किशोर नगराले (34) सिद्धार्थ नगर, बल्लारशाह,धम्मकीर्ति पंजाबराव मानेराव (33) लष्करीबाग, नागपुर, निकिता सुमित मेश्राम (39) बेझनबाग, पूजा जयंत देशमुख (30) नोएडा, उत्तर प्रदेश और शिवाली संजय धारगांवे (25) बेलदार नगर, नागपुर निवासी को गिरफ्तार किया जा चुका है। वर्तमान में यह सातों आरोपी नागपुर जेल में बंद हैं। 
 

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