सरकार ने सूखे को गंभीरता से नहीं लिया : शरद पवार 

सरकार ने सूखे को गंभीरता से नहीं लिया : शरद पवार 

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-04 13:55 GMT
सरकार ने सूखे को गंभीरता से नहीं लिया : शरद पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के कई इलाकों में सूखे की गंभीर होती समस्या के मद्देनजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील के नेतृत्व में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। शनिवार को पार्टी नेताओं के साथ के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सूखा राहत के नाम पर सरकार पशुओं के चारे के लिए सिर्फ 90 रुपए का राशि दे रही है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने सूखे को गंभीरता से नहीं लिया।  

पवार ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में राज्य में सूखे की स्थिति को  लेकर पार्टी नेताओं-विधायकों के साथ चर्चा की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमने अपने पार्टी नेताओं से चर्चा कि है कि सूखा प्रभावित इलाकों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए। बैठक में बताया गया कि विदर्भ, मराठवाडा, पश्चिम महाराष्ट्र व उत्तर महाराष्ट्र के कई इलाके गंभीर सूखे से प्रभावित हैं। पीने के पानी, रोजगार, पशुओं के लिए चारे जैसी समस्या के समाधान की जरूरत है। खासकर फल बाग वाले किसानों को विशेष मदद की जरूरत है। क्योंकि फलबाग से लाभ मिलने में पांच से दस साल लग जाते हैं और सूखे से फल बाग का अधिक नुकसान होता है। पवार ने कहा कि सूखा प्रभावित इलाकों में फल बागों को बचाने के लिए विशेष प्रयास की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकार के समय चारा छावनी में किसानों के सभी जानवरों को रखने की अनुमति थी, लेकिन इस बार केवल पांच पशुओं के रखने की शर्त लगा दी गई है, साथ ही हर पशु के चारे के लिए केवल 90 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यह राशि बहुत कम है। पशुओं को चारे के रुप में जो घास दिया जा रहा है, वह पर्याप्त नहीं है। उन्हें खाने के लिए गन्ने की पत्तियां दी जा रही हैं, इससे उनकी जीभ कट रही है। राकांपा सुप्रीमो ने कहा कि सरकार को सभी तरह की राजस्व वसूली तुरंत रोकनी चाहिए। इस वक्त किसान फसल कर्ज लौटाने की स्थिति में नहीं हैं। इस लिए कर्ज के पुनर्गठन और बारिश शुरु होने के बाद बुआई के लिए खाद-बीज खरीदने किसानों को कर्ज के रुप में मदद मिलनी चाहिए।

पवार ने कहा कि जून में कालेज शुरु हो जाएंगे। इस लिए फीस माफी से छात्रों को राहत मिलेगी। इसका प्रारुप सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। पवार ने कहा कि सहकारी संस्थाओं व सीएसआर निधि से भी किसानों की मदद की जानी चाहिए। इस दौरान पवार ने कहा कि अभिनेता आमिर खान द्वारा शुरु वॉटर कप को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी विद्यार्थी और युवक संगठन सूखा ग्रस्त इलाकों में काम करेंगे। सरकार की आलोचना करते हुए पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 6 से 7 जनसभाएं की लेकिन इस दौरान किसान और सूखे को लेकर अपनी नीति पर चुप रहे। 

चुनाव आयोग से परेशानी नहीं
पवार ने कहा कि सूखा राहत के मामले में चुनाव आयोग से कोई परेशानी नहीं होती। 2014 के चुनाव के समय हम आयोग को फोन कर कहते थे कि सूखे के मद्देनजर यह-यह काम करना है। इसके बाद एक-दो घंटे में आयोग से अनुमति मिल जाती थी। पर यह सरकार न जाने चुनाव आयोग के किस परमिशन का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होते ही मैंने सूखा ग्रस्त इलाके का दौरा शुरु किया, इससे सरकार भी जागी। 

सिर्फ शहीदों के शवों पर माल्यार्पण करने जाते हैं सीएम 
गडचिरोली नक्सली हमले में 15 पुलिस जवानों के शहीद होने की बावत पवार ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते राज्य में नक्सलवाद की शुरुआत हुई थी, लेकिन उस वक्त हमनें इसे कानून-व्यवस्था का मामला नहीं समझा। हमने इस बात पर विचार किया कि विकास से वंचित इलाकों में कैसे विकास पहुंचाया जाए। पवार ने कहा कि इसके पहले के गृह मंत्री (आरआर पाटील) सांगली के होने के बावजूद गडचिरोली के पालकमंत्री बने थे। लेकिन अब के गृहमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) केवल शहीदों के शवों पर माल्यार्पण करने गडचिरोली जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है।  


 

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