CBI घमासान : यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- मोदी मतलब ‘मैन हू डिस्ट्राय इंस्टीट्यूट’
CBI घमासान : यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- मोदी मतलब ‘मैन हू डिस्ट्राय इंस्टीट्यूट’
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि मोदी का मतलब "मैन हू डिस्ट्राय इंस्टीट्यूट" बनकर रह गया है। उन्होंने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के मामले को असंवैधानिक ठहराते हुए कहा कि राफेल डील मामले में अपने बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार ने ड्रामा रचा है। वर्मा के पास राफेल डील से संबंधित शिकायतें थी। उसपर जांच भी आरंभ हो गई थी। असलियत सामने आने के डर से प्रधानमंत्री ने सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भिजवाया। सीबीआई की विश्वसनीयता पहले ही ध्वस्त कर दी गई है। राफेल मामले में एफआईआर दर्ज होती तो सरकार की पोल खुल जाती है। देश में एक एक कर स्वायत्त संस्थाओं को समाप्त करने का दौर चल पड़ा है।
यशवंत सिन्हा के साथ राज्यसभा सदस्य और आम आदमी पार्टी के नेता संजयसिंह, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी उपस्थित थे। तीनों नेता दो दिन से विदर्भ दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने अकोला में बड़ी किसान रैली को संबोधित किया। यशवंत सिन्हा ने कहा था कि दो दिन में तेजी से देश का दृश्य बदलने लगा है। दबाव के लिए किसी के दफ्तर पर छापामारी और दफ्तर को सील करने का घटनाक्रम तो चल ही रहा था, अब सीबीआई दफ्तर को ही सील करने और दफ्तर में छापामारी होने लगी है। पहले निष्पक्ष जांच का मतलब सीबीआई होता था। गांव में भी कहा जाता था कि जहां न्याय मिलने की उम्मीद कम हो, वहां सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए। लेकिन अब वो स्थिति नहीं रही।
सिन्हा ने कहा, "अस्थाना गुजरात में मोदी के मददगार रहे हैं। उन्हें जानबूझकर सीबीआई में लाया गया। उनके साथ वर्मा के विवाद का बहाना बनाकर राफेल डील की जांच को दबाने का साफ प्रयास किया गया है। दरअसल, राफेल डील मामले में सीबीआई जांच के लिए वर्मा के पास दस्तावेज दिए गए हैं। मेरे अलावा आप नेता संजयसिंह, अरुण शौरी, प्रशांत भूषण ने राफेल डील मामले में प्रधानमंत्री के विरोध में शिकायत की है। इन शिकायतों के दस्तावेज वर्मा के पास है।"
सिन्हा ने आगे कहा, "संजयसिंह को लिखे पत्र में बताया गया था कि शिकायत का संज्ञान लिया गया है। रक्षा विभाग से दस्तावेज की छानबीन कराई जा रही है। सीबीआई निदेशक वर्मा राफेल मामले में एफआईआर दर्ज करने वाले थे। उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी लग गई थी। लिहाजा राफेल डील के मामले से बचने के लिए सीबीआई निदेशक को हटाने का घटनाक्रम चला। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार स्वयं को बचाने के लिए कोई भी कदम उठा सकती है। जनता समझ रही है। समय आने पर जवाब देगी। इस मौके पर पूर्व विधायक आशीष देशमुख, प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप मैत्र, ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी, शिरीष बोरकर भी उपस्थित थे।"