घायल सारस ने तोड़ा दम, पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार

घायल सारस ने तोड़ा दम, पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार

Tejinder Singh
Update: 2017-12-21 16:44 GMT
घायल सारस ने तोड़ा दम, पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोहारा गांव में हाईवोल्टेज तारों की चपेट में आए सारस की गुरुवार को मौत हो गई। उसे इलाज के लिए गोंदिया से नागपुर लाया गया था। वनविभाग और डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 20 दिसंबर को सुबह 8 बजे सारस बिजली तारों की चपेट में आया था। करंट लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा था। गोंदिया में प्राथमिक उपचार के बाद उसे उपराजधानी के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर लाया गया। यहां 21 दिसंबर की सुबह सारस ने दम तोड़ दिया। अंतिम संस्कार के वक्त गोंदिया वनविभाग के कर्मचारी भी मौजूद थे।

बिजली तारों की चपेट में आया

लोहारा गांव के पास कुछ लोगों ने सारस को घायल अवस्था में देखा था, जिसके बाद उसे बचाने की कोशिश की गई। वो बुरी तरह घायल था। गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए पशु वैधकीय अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने नागपुर रैफर कर दिया। सारस मित्र सावन बहेकार के मुताबिक पक्षी तारों की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया था।

ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था सारस 

सारस महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में ही पाया जाता है। जिसकी देखभाल के लिए प्रशासनिक तौर पर योजनाएं चलाई जा रही है। घटना के दौरान सारस को इतनी गंभीर चोटें आई थी कि वो ना तो खड़ा हो पा रहा था और ना ही चल पा रहा था। उसे जैसे तैसे अस्पताल लाया गया था। जहां से उसे उपराजधानी रैफर किया गया। जहां जानवरों और पशुओं का इलाज करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

सारस से जुड़े कुछ तथ्य

सारस को ग्रस एंटीगोन (Grus antigone) कहते हैं। जो सफेद-सलेटी रंग के परों से ढका होता है। सारस विश्व का सबसे बड़ा और उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारत में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। 
 

 

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