तीन ज्वेलर्स के यहां छापामारी, मिले कई अहम दस्तावेज

तीन ज्वेलर्स के यहां छापामारी, मिले कई अहम दस्तावेज

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-17 15:50 GMT
तीन ज्वेलर्स के यहां छापामारी, मिले कई अहम दस्तावेज

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। जीएसटी टीम ने मप्र के बालाघाट जिले में तीन ज्वेलर्स के यहां छापा मारा। कार्रवाई के दौरान मौके पर हड़कंप मच गया। जीएसटी टीम में शामिल अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान दस्तावेजों की जांच की है, जिसमें कई अहम दस्तावेज टीम को बरामद हुए हैं। बताया जाता है कि सोना व चांदी भी बरामद हुआ, जिसके बिलों का मिलान भी टीम के सदस्य कर रहे हैं।

यहां की थी जांच
सरकार द्वारा जीसएसटी को लागू किये जाने के बाद ट्रेडर्स और व्यापारियों इनपुट टेक्स क्रेडिट की सुविधा दी गई है। जिसमें स्टॉक और क्रेडिट भुगतान में मिली गड़बड़ी के बाद केन्द्रीय जीएसटी प्रधान आयुक्त के मार्गदर्शन और संयुक्त आयुक्त नीरज चौबे के निर्देशन में जीएसटी टीम ने सहायक आयुक्त टिकेन्द्र कुमार कृपाल के साथ अधीक्षक मुकेश बर्मन, जितेन्द्र निषाद, रंजीत झारिया, बालाघाट रेंज प्रभारी रितेश कुमार बंशकार, निरीक्षक मोहित राठौर, देवेन्द्र वर्मा, विकास शर्मा, मनीष सिसोदिया और बालाघाट रेंज प्रभारी निरीक्षक सुशांत कुमार ने 16 फरवरी को मुख्यालय में मेसर्स धरम , मेसर्स अलंकार  और मेसर्स करणी में छापामार कार्यवाही कर स्टॉक की जांच की थी।

8 लाख रुपए का भुगतान
रात 12 बजे तक चली व्यापारियों के स्टॉक और क्रेडिट भुगतान की जांच में जीएसटी टीम को अंतर मिला है। जिसमें व्यापारी द्वारा बिना बिल के बेचे गये मॉल का स्टॉक नहीं रखा गया था। टीम अधिकारियों का कहना रहा कि जीएसटी टीम को जांच में ज्वेलर्स व्यापारियों के यहां मिले स्टॉक अंतर के बाद टीम नेे व्यापारियों से टैक्स और जीएसटी पेनाल्टी के रूप में 8 लाख रुपए का भुगतान किया है। वस्तु का टेक्स और उसमें जीएसटी पेनाल्टी के रूप में व्यापारियों से ऑनलाईन 8 लाख रुपए की पेनाल्टी भरवाई गई है। जीएसटी नियमों के विपरित जाकर कार्य करने वाले ट्रेडर्स और व्यापारियों पर यह कार्यवाही जारी रहेगी।

सोना और चांदी जब्त
बताया जाता है कि ज्वेलर्स के यहां छापामारी के दौरान 4 किलो सोना और 2 किलो चांदी मिली है, जिसके बिलों का मिलान नहीं हो सका है। टीम के सदस्यों ने सोना और चांदी को जब्त किया है। इस कार्रवाई के दौरान संचालकों में हड़कंप की स्थिति निर्मित रही। जीएसटी टीम का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

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