झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं, अवैध पैथालॉजी को लेकर भी लापरवाह है स्वास्थ्य विभाग

झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं, अवैध पैथालॉजी को लेकर भी लापरवाह है स्वास्थ्य विभाग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-25 08:49 GMT
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं, अवैध पैथालॉजी को लेकर भी लापरवाह है स्वास्थ्य विभाग

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में वैसे तो बिना डिग्री व मान्यता के अवैध क्लीनिकों की भरमार है, लेकिन मानसून के सीजन में झोलाछाप चिकित्सकों की सक्रियता और बढ़ जाती है। बरसात में होने वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। सबसे अधिक झोलाछाप डॉक्टर जैतपुर इलाके में सक्रिय हैं।स्थिति यह है कि कुछ अवैध क्लीनिक तो सरकारी अस्पताल के सामने ही चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग को इसकी पूरी जानकारी है, इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

विभाग की ओर से अवैध क्लीनिकों की जांच तो की जाती है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से कुछ समय बाद फिर से कारोबार शुरु हो जाता है। यही हाल पैथालाजियों को लेकर है। जिले में दो दर्जन से अधिक पैथालाजि बिना अनुमति के संचालित हो रही हैं। इसके बाद भी बड़ी कार्रवाई अब तक सामने नहीं आई है। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास इन सबकी सूची मौजूद है। वैधानिक कार्रवाई के लिए विभाग की ओर से पुलिस को पत्र जारी होता है लेकिन एफआईआर कुछ ही मामलों में हो पाती है।

30 मामले पुलिस में लंबित
जिले में बिना मान्यता व बिना डिग्री के इलाज करने वाले डॉक्टरों की संख्या 250 से अधिक होगी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 3-4 वर्षों में 146 ऐसे चिकित्सकों की लिस्ट तैयार की है जिन्हें झोलाछाप माना गया है। आधे से अधिक स्थानों पर जाकर दबिश दी गई, जिनमें 25 से 30 झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध प्रकरण बनाकर पुलिस के पास एफआईआर के लिए भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इनमें से करीब 10 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज भी किए गए। इनमें से ब्यौहारी क्षेत्र के दो झोलाछाप चिकित्सकों को कोर्ट से दो साल पहले 6-6 माह की सजा भी हुई थी। बाकी मामलों पुलिस की ओर से लेटलतीफी किए जाने की बात सामने आ रही है।

16 पैथालॉजी सेंटर ही वैध
मुख्यालय सहित जिले के हर नगरीय इलाकों के गली मोहल्लों में पैथालाजी के बोर्ड टंगे नजर आते है। स्वास्थ्य विभाग भी मानता है कि इनकी संख्या 50 से अधिक होगी। लेकिन इनमें से मात्र 16 ही ऐसे पैथालाजी हैं जिन्होंने मंजूरी ले रखी है। शेष बिना मान्यता के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। बिना मान्यता के अवैध रूप से चल रहे पैथालाजियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही झोलाछाप चिकित्सक इलाज कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं। विभाग से मान्यता प्राप्त पैथालाजियों मेें आधे से अधिक संभागीय मुख्यालय के ही हैं। बुढ़ार, धनपुरी, जयसिंहनगर, ब्यौहारी आदि स्थानों पर चल रही पैथालाजियों को कहीं से मान्यता नहीं है। इसके बावजूद विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही है।

इनका कहना है
समय-समय पर अवैध क्लीनिक व पैथालाजियों की जांच कराई जाती है। कार्रवाई भी हुई हैं। कई प्रकरण पुलिस के पास हैं जिन पर एफआईआर होनी है। 
डॉ. राजेश पाण्डेय, सीएमएचओ

कितने मामलों में स्वास्थ्य विभाग ने एफआईआर के लिए लिखा है, जानकारी ली जाएगी। सीधे एसपी कार्यालय को जानकारी मिले तो कार्रवाई जल्दी करने के निर्देश दिए जाएंगे।
कुमार सौरभ, एसपी

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