मंत्रियों के बंगला आवंटन मामले पर सुनवाई टली

मंत्रियों के बंगला आवंटन मामले पर सुनवाई टली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-19 07:42 GMT
मंत्रियों के बंगला आवंटन मामले पर सुनवाई टली

छिजिटल डेस्क  जबलपुर। मंत्रियों के बंगला आवंटन मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई एक माह के लिए टल गई है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि इस मामले से सम्बंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई है, जिस पर सुनवाई होना है। इस बयान पर युगलपीठने सुनवाई एक माह के लिए मुलतवी कर दी।
हाईकोर्ट ने यह निर्देश जबलपुर के सिविल लाईन में रहने वाले लॉ स्टूडेंट रौनक यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए। इस याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने 24 अप्रैल 2016 को एक आदेश जारी करके पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगले की सुविधाएं देने का प्रावधान कर दिया जबकि ऐसा करना ना सिर्फ मौजूदा कानूनों के खिलाफ है बल्कि जनता के पैसों का दुरुपयोग भी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पद से हटने के बाद किसी भी मुख्यमंत्री के नाम पर सरकारी बंगले का आवंटन जारी रहने को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार बनाम लोकप्रहरी केस में गलत ठहराया है। इन आधारों के साथ दायर इस याचिका में हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की राहत चाही गई है। याचिका में मप्र सरकार के अलावा मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, कैलाश जोशी व कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को भी पक्षकार बनाया गया है। मामले पर पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने सरकार को संशोधित कानून में नेताओं को आजीवन सरकारी आवास देने की वैधानिकता पर जवाब देने कहा था।
मामले पर सोमवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विपिन यादव और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता समदर्शी तिवारी हाजिर हुए। श्री तिवारी ने युगलपीठ को बताया कि ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है, जिस पर जल्द सुनवाई होगी। इस बयान पर युगलपीठ ने सुनवाई एक माह के लिए बढा दी। इस तरह सरकारी आवासों के दुरुपयोग को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई  अब एक माह बाद होगी ।

 

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