चांदनी रात में सुनी बाघ की दहाड़, दर्जनों वन्यजीवों के हुए दीदार

चांदनी रात में सुनी बाघ की दहाड़, दर्जनों वन्यजीवों के हुए दीदार

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-03 05:47 GMT
चांदनी रात में सुनी बाघ की दहाड़, दर्जनों वन्यजीवों के हुए दीदार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  पूर्णिमा की चांदनी रात में किसी ने दुर्लभ दिखनेवाले पॉर्क्यूपाइन (साही) देखा, तो किसी ने बाघ की दहाड़ सुनी। इसके अलावा सिवैट कैट, भालू, बिबट्या आदि को वॉटर होल पर पानी पीते देखा गया। ‘निसर्गानुभव’ के लिए नागपुर वन विभाग की ओर से नागपुर रेंज में आनेवाले 11 जगहों पर 70 मचानों की व्यवस्था की गई थी, जिस पर से सैकड़ों नागरिकों ने जंगल में नि:शुल्क जानवरों को करीब से देखा। दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ अंतर्गत लोगों ने पैसे देकर जानवरों का दीदार किया।

दुलर्भ वन्य प्राणी की भी दिखी झलक
पूर्णिमा को चांदनी रात में इतना उजाला होता है कि वॉटर होल पर पानी पीने आनेवाले वन्यजीवों को आसानी से मचान पर से देखा जा सकता है। गत वर्ष तक इन मचानों के सहारे वन्यजीवों की गणना की जाती थी, लेकिन गणना को अधिकृत नहीं मानने से इस वर्ष इसे ‘निसर्गानुभव’ नाम दिया गया था। उद्देश्य था कि ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को जंगल के करीब लाना। नागपुर वन विभाग ने इसी को उद्देश्य रखते हुए नागपुर विभाग अंतर्गत बूटीबोरी, हिंगना, कोंढाली, कलमेश्वर, काटोल, खापा, पारशिवनी, देवलापार, पवनी व रामटेक में कुल 70 मचान तैयार किए थे, जहां 30 अप्रैल की रात से सुबह तक वन्यजीवों का दीदार कराया गया। इसमें नागरिकों ने कई दुर्लभ प्राणियों के साथ जंगल में जिन प्राणियों का दबदबा रहता है, उन्हें भी देख निसर्ग का अनुभव लिया। 

विदर्भ में बनाए गए थे 140 मचान
वाइल्ड लाइफ अंतर्गत भी सामान्य लोगों को ‘निसर्गानुभव’ कराया गया है। बदले में श्रेणी अनुसार 1200, 1700 और 500 रुपए लिए गए हैं। ऑनलाइन आरक्षण करने के बाद ही वन्यजीवों का दीदार कराया गया। वाइल्ड लाइफ अंतर्गत आनेवाले विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र हैं, जहां बड़ी संख्या में वन्यजीवों का बसेरा है। इसमें बाघों का भी सामावेश है। पूर्णिमा की रात यहां भी मचान पर बैठे वन्यप्रेमियों ने चांद की रोशनी में पानी पीने आनेवाले जानवरों का दीदार किया। पूरे विदर्भ में 140 मचान बनाए गए थे, जिसमें चोरबाहुली में 18, पश्चिम पेंच में 8, सालेघाट में 16, नागलवाडटी में 13, न्यू बोर में 8, उमरेड में 5, कुही में 8, पवनी में 8, टिपेश्वर में 18, खरबी में 18, बिटरगांव में 8 व उमरखेड में 12 का सामावेश है।

नि:शुल्क व्यवस्था
30 अप्रैल की रात कई वन्यजीव प्रेमियों को नि:शुल्क जानवरों का दीदार कराया गया, जो उनके लिए एक अलग ही अनुभव रहा। नि:शुल्क व्यवस्था रहने से ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इसका फायदा लिया है। इस तरह की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए ऐसी व्यवस्था उपलब्ध कराना जरूरी है।  (कुंदन हाथे, मानद, वन्यजीव रक्षक, नागपुर जिला) 

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