12वीं के छात्र का नाम बोर्ड के पास न भेजने वाले कॉलेज ने मानी गलती, छात्र को राहत 

12वीं के छात्र का नाम बोर्ड के पास न भेजने वाले कॉलेज ने मानी गलती, छात्र को राहत 

Tejinder Singh
Update: 2021-07-23 14:28 GMT
12वीं के छात्र का नाम बोर्ड के पास न भेजने वाले कॉलेज ने मानी गलती, छात्र को राहत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कक्षा 12 वीं के उस छात्र को राहत प्रदान की है, जिसका नाम कॉलेज प्रशासन की ओर से महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नहीं भेजा गया था। जिसके चलते उसका हॉल टिकट बोर्ड की ओर से नहीं भेजा गया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कॉलेज की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि प्रशासकीय असावधानी के चलते एक छात्र को ऑनलाइन नहीं भेजा गया। लेकिन अब कॉलेज छात्र का नाम भेजने में हुई देरी के लिए बोर्ड की ओर से तय किए गए जुर्माने का भुगतान करने को तैयार है। इसलिए बोर्ड को कक्षा 12 वीं में साल 2021 में प्रविष्ट हुए विद्यार्थियों की सूची में छात्र का नाम शामिल किया जाए। 

न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान शिक्षा बोर्ड की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता किरण गांधी ने कहा कि राव एज्युकेशन ट्रस्ट ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उसकी ओर से छात्र का नाम भेजने में देरी क्यों हुई है। इसलिए कॉलेज पर बोर्ड की ओर से निर्धारित 27 हजार 150 रुपए जुर्माने के अलावा और आर्थिक दंड लगाया जाए और यह रकम चैरीटेबल ट्रस्ट को दी जाए। 

खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व याचिका में देरी को लेकर दिए गए कारणों को स्वीकार कर लिया और संस्थान को 23 जुलाई 2021 तक बोर्ड को विलंब शुल्क का भुगतान करने को कहा। जबकि बोर्ड को विलंब शुल्क मिलने के बाद 24 जुलाई 2021 तक हॉल टिकट जारी करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि जो शुल्क कॉलेज इस मामले में भरेगा उसे छात्र से न वसूला जाए। इस तरह खंडपीठ ने छात्र को बड़ी राहत प्रदान की। 


 

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