टनल निर्माण के रोड़ा देखने दिल्ली-कोलकाता से पहुंची हाई लेवल टीम

 टनल निर्माण के रोड़ा देखने दिल्ली-कोलकाता से पहुंची हाई लेवल टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-29 08:13 GMT
 टनल निर्माण के रोड़ा देखने दिल्ली-कोलकाता से पहुंची हाई लेवल टीम

डिजिटल डेस्क, कटनी। बरगी बांध से रीवा तक नर्मदा का पानी ले जाने के लिए बनाई जा रही 194 किलोमीटर लंबाई की नर्मदा दांयी तट नहर में 12 किलोमीटर टनल का निर्माण में आने वाले अवरोधों को देखने हाई लेवल कमेटी पहुंची है । विशेष दल में सेंट्रल वाटर कमेटी नई दिल्ली के मुख्य अभियंता एस. के. सिंबल के नेतृत्व में डिप्टी डायरेक्टर सीडब्ल्यूसी  एसएन शेखाव, जीएम एनएचईसी फरीदाबाद ए. के. जैन, सीनियर साइंटिस्ट सचिन गुप्ता, जीएसआई कोलकाता के डायरेक्टर टी.बी. घोषाल ने निर्माण स्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान एनबीडीए के चीफ इंजीनियर कैलाश चौबे, कार्यपालन यंत्री एम के ढिमोले,हरिसिंह चौधरी, सहायक यंत्री राजू बामलिया, प्रवीण शर्मा, जे के शर्मा, जीआर सिंह, एस के जैन के साथ ही निर्माण एजेंसी पटेल एसईडबल्यू के प्रेसीडेंट डी एन गर्ग, डीजीएम उग्रसेन सिंह भी उपस्थित रहे। दिल्ली और कोलकाता के विशेषज्ञ दल ने टनल की अप स्ट्रीम डोहली और डाउन स्ट्रीम खिरहनी में पहुंचकर टीबीएम के कार्य के साथ ही क्षेत्र की जियोलॉजिकल स्थितियों का जायजा लिया था। इसके पश्चात खिरहनी में विभागीय अधिकारियों और निर्माण एजेंसी के पदाधिकारियों के साथ बैठक लेकर आगे के निर्माण कार्य को लेकर मंथन किया। 
 

अब तक मात्र 33 फीसदी कार्य
यह टनल जल संसाधन विभाग व निर्माण एजेंसी के साथ सरकार के लिए भी सिरदर्द बन चुका है। करीब 11 साल पहले शुरू हुए प्रोजेक्ट में ओपन नहर का अधिकांश हिस्सा पूर्ण हो जाने के बाद टनल का निर्माण महज 33 फीसदी हो पाया है। स्लीमनाबाद के समीप डोहली गांव से खिरहनी गांव तक 12 किलोमीटर की टनल में दोनों ओर टीबीएम लगाने के बाद अब तक केवल 4300 मीटर टनल का निर्माण ही हो पाया है। पिछले 8 वर्षो में सरकार और विभाग की लगातार कोशिशों के बावजूद निर्माण एजेंसी अपेक्षा के मुताबिक परिणाम नहीं दे पाई है। अमेरिका की राबिन्स कंपनी और जर्मनी की हैरीनेट कंपनी की टनल बोरिंग मशीन से टनल की खुदाई का कार्य किया जा रहा है लेकिन पहाड़ी का सीना छलनी करने में दोनों मशीनों का दम निकल रहा है। सरकार और विभाग के द्वारा अब तक किए गए सभी प्रयास सफलता तक नहीं पहुंच पाए है। प्रदेश में नई सरकार गठित होने के बाद एक बार फिर टनल के निर्माण में तेजी लाने के लिए कोशिशें शुरु हुई है। जिसके बाद एनवीडीए के उपाध्यक्ष व नर्मदा व्यपवर्तन प्रोजेक्ट के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल ने उच्च स्तर के विशेषज्ञ दल से संपर्क कर कार्य में प्रगति लाने के प्रयास किए है।
 

इनका कहना है
टनल के निर्माण में लगातार आ रही बाधाओं को देखते हुए प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल द्वारा विशेषज्ञों के दल से संपर्क कर उन्हें बुलाया गया है। दिल्ली व कोलकाता से पहुंचे विशेषज्ञों के द्वारा अप और डाउन स्ट्रीम का मुआयना करते हुए जियोलॉजिकल स्थितियां देखी गई है। जिसके बाद अब उम्मीद है कि टनल निर्माण का कार्य तेजी से होगा।   
-कैलाश चौबे, चीफॅ इंजीनियर एनवीडीए
 

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