पास कराने मेयो के नेत्र विभाग प्रमुख ने मांगी रिश्वत, अब देना होगा स्पष्टीकरण

पास कराने मेयो के नेत्र विभाग प्रमुख ने मांगी रिश्वत, अब देना होगा स्पष्टीकरण

Tejinder Singh
Update: 2019-03-17 11:43 GMT
पास कराने मेयो के नेत्र विभाग प्रमुख ने मांगी रिश्वत, अब देना होगा स्पष्टीकरण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय (मेयो) के नेत्ररोग विभाग के प्रमुख ने परीक्षा में पास कराने के लिए रिश्वत मांगने और मानसिक रूप से परेशान करने की शिकायत एक पूर्व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के (पीजी) विद्यार्थी ने अधिष्ठाता (डीन) से की है। इस शिकायत के आधार पर अधिष्ठाता ने संबंधित विभाग प्रमुख से स्पष्टीकरण मांगा है।  

और भी हैं 5 गंभीर आरोप

मरीजों से भी बड़े पैमाने पर पैसा लिया जाता रहा है, काफी गैर-व्यवहार हुआ है। 
लेक्चरर व वरिष्ठ निवासी डॉक्टरों के पद भरते समय भी भ्रष्टाचार हुआ है। 
इन्टर्न छात्राओं को अपने सामने बैठा कर रखा जाता है। 
जान-बूझकर शल्य चिकित्सागृह बंद रखा जाता है। 
इस कारण संबंधित विभाग में सबसे कम शल्यक्रिया होती है। 

शिकायतकर्ता विद्यार्थी 2013 से 2016 तक मेयो में था। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए उसने नेत्ररोग विषय चुना था। दाखिल की गई शिकायत के अनुसार, नेत्ररोग विभाग के प्रमुख ने तीन वर्ष तक उसे मानसिक रूप से परेशान किया। परीक्षा में उत्तीर्ण करने के लिए पैसों की मांग की। आरोप के अनुसार, प्रत्येक स्नातकोत्तर विद्यार्थी को मानसिक और आर्थिक प्रताड़ित किया जाता है। छात्र ने आरोप लगाया कि परीक्षा के एक दिन पहले उत्तीर्ण कराने के लिए पैसों की मांग की। नहीं देने पर धमकाया गया। छात्र ने इस विभाग प्रमुख की जांच की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस विद्यार्थी ने 2016 में इसी तरह की शिकायत मुख्य सचिव स्वास्थ्य वैद्यकीय शिक्षण विभाग से की थी, लेकिन कोई भी कार्रवाई या जांच नहीं की गई। अब दोबारा यह शिकायत अधिष्ठाता डॉ. अजय केवलिया को मेल भेजकर की गई है। उन्होंने शिकायत को गंभीरता से लिया है। 

विभाग प्रमुख से मांगा है स्पष्टीकरण 

अधिष्ठाता मेयो डॉ. अजय केवलिया के मुताबिक पूर्व विद्यार्थी की शिकायत प्राप्त हुई है। इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग प्रमुख से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनका स्पष्टीकरण आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 
    

Similar News