गड्ढे में धंस रहे 70 घर, मॉल के लिए बने गड्ढे से जमींदोज होने का खतरा
गड्ढे में धंस रहे 70 घर, मॉल के लिए बने गड्ढे से जमींदोज होने का खतरा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लकड़गंज जोन के दानागंज में काफी समय से मनपा ने मॉल बनाने के लिए जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। मॉल के लिए अंडर ग्राउंड फ्लोर बनाने के लिए बड़ा गड्ढा खोदा था। एक चौथाई हिस्से में अंडरग्राउंड तीन फ्लोर बन गए है, लेकिन शेष जगह पर केवल बीम के सरिये ही डाले हुए हैं। गड्ढे के आस-पास कई घर बने हुए हैं, जो गड्ढे के किनारे पर हैं। बारिश में मिट्टी बह सकती है, यह सोच कर ही आस-पास के घरों में रह रहे लोग खौफ में हैं। मनपा अधिकारियों के अनुसार कार्य शुरू हो गया था, लेकिन राज्य पर्यावरण समिति से परमिशन नहीं मिलने के कारण निर्माण को रोक दिया गया और अब फिर से शुरू किया जाएगा।
गड्ढा बन गया डंपिंग यार्ड
गड्ढे के किनारे बना एक मकान के पिछले हिस्से की मिट्टी धंस गई थी, जिससे मकान का पिछला हिस्सा भी धंस गया। इस पर लकड़गंज जोन और रहवासियों ने उस क्षेत्र में भराव कर अस्थायी हल कर दिया है। गड्ढे के आसपास टीन शेड लगाए गए थे, लेकिन एकतरफ का हिस्सा ढहने से टीन शेड भी ढह गया। निर्माण में लगे सरिये और टीनशेड भी चोरी हो चुके हैं। गड्ढे में लोग कचरा भी फेंक देते हैं। मरे हुए जानवर भी गड्ढे में डाल दिए जाते हैं। क्षेत्र मंे बदबू फैल रही है। लोगों का रहना मुश्किल हो गया है।
बंद पड़ा है निर्माण कार्य
आसपास के रहवासियों ने बताया कि मॉल का निर्माण कार्य 2005 में शुरू हुआ था, जो कि 2007 में फिर बंद हो गया। 2017 में निर्माण कार्य फिर शुरू हुआ, लेकिन दो महीने में फिर बंद हो गया। तब से माॅल का निर्माण रूका हुआ है।
चेंबर और खंभे भी धंस गए
आसपास बनी टीनशेड की दीवार भी तूफान में उड़ गई। एक ओर से गड्ढा पूरी तरह खुल गया है। खंबे और चेंबर भी गड्ढे में धंस रहे हैं।
अस्थाई निराकरण कर रहे रहवासी
जिसमें लगभग 60 से 70 लोग रहते हैं, जो खाैफ में हैं। एक हिस्से की जमीन गड्ढे में चली गई है। खतरा मकानाें के लिए भी बना हुआ है। बारिश में मिट्टी भी बहती है, जिससे पूरे मकान गड्ढे में जा सकते हैं। इसके लिए रहवासी कुछ न कुछ अस्थायी निराकरण कर रहे हैं।
जरा सी चूक बड़े हादसे का कारण बन सकता है
मॉल एक बहुत बड़े क्षेत्र में बन रहा है। मॉल के पास में ही हरिहर मंदिर और लॉन है। लॉन के पीछे के हिस्सा गड्ढे के बिल्कुल किनारे पर है। लॉन में शादी, सामाजिक और अन्य कार्यक्रम होते रहते हैं। यदि पीछे की हिस्से की मिट्टी जरा भी खिसकती है तो पूरा लॉन गड्ढे में समा जाएगा। ऐसे में हादसे की आशंका बनी हुई है।
हमेशा बना रहता है खतरा
गड्ढे में रोज कोई न कोई कचरा फेंक देता है। पूरे समय कचरे की बदबू से परेशानी होती है। गड्ढे में गिरने के डर से बच्चों को बाहर नहीं निकलने देते हैं। -नितेश मोटवानी रहवासी, स्वीपर कॉलोनी
सभी मकान ढह जाएंगे
गड्ढे के आसपास ही सभी मकान बने हुए हैं। किसी भी हिस्से की मिट्टी ढहती है तो सभी मकान ढह जाएंगे।
-बलवीर करोसिया, रहवासी, स्वीपर कॉलोनी
चोर ले गए शेड
टीनशेड की दीवार बनी हुई थी पहले तूफान से एक हिस्से के टीन निकल गए। रात को चोर वह टीनशेड भी लेकर चले गए। मकान के पीछे मिट्टी ढहने की सूचना जोन में दी थी, तो वह मिट्टी डाल कर चले गए। -गोविंद सावरकर, रहवासी, स्वीपर कॉलोनी
जिम्मेदारों के जवाब
इनवायरमेंट कमिटी से परमिशन नहीं मिलने के कारण कार्य रूक गया था। अब परमिशन मिल गई है तो फिर से कार्य शुरू किया जाएगा। -राजेश दुपारे, जनरल मैनेजर मोबिलिटी डिवीजन, मनपा
मॉल को तोड़ा जा रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार अब वहां पर मॉल की जगह होलसेल मार्केट बनाया जाएगा।
-नरेंद्र बोरकर, नगरसेवक