टैक्स कलेक्शन बढ़ने पर टैक्स स्लैब में हो सकती है कटौती-वित्तमंत्री गोयल

टैक्स कलेक्शन बढ़ने पर टैक्स स्लैब में हो सकती है कटौती-वित्तमंत्री गोयल

Tejinder Singh
Update: 2018-07-17 12:02 GMT
टैक्स कलेक्शन बढ़ने पर टैक्स स्लैब में हो सकती है कटौती-वित्तमंत्री गोयल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगने के बाद से टैक्स कलेक्शन काफी बढ़ा है और अर्थव्यस्था मजबूत हो रही है। कलेक्शन बढ़ने और अर्थव्यवस्था के मजबूत होने पर आगामी समय में टैक्स की दर कम करने पर विचार किया जाएगा। यह विचार केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने व्यक्त किए। वे व्यापारी आघाड़ी, नागपुर द्वारा आयोजित जीएसटी पर परिचर्चा कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने की। गोयल ने कहा कि जीएसटी में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार जगह-जगह सेमिनार ले रही है। 

मकसद से कराया वाकिफ  
व्यापारी द्वारा ईमानदारी से भरे गए टैक्स से गरीब लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है। गलत काम करने वाले कुछ व्यापारी सभी व्यापारियों का नुकसान करते हैं। इससे ईमानदार व्यापारी भी गलत राह पर चल पड़ता है। जीएसटी लाने के पीछे का मकसद पूरे देश को एक ‘कर ढांचा’ और ‘सबको समान अवसर’ दिलाना है। इस दौरान विभिन्न व्यापारी संगठनों के 40 से ज्यादा ज्ञापन भाजपा व्यापारी आघाड़ी के शहर अध्यक्ष संजय वाधवानी ने सौंपे। उन्होंने कहा कि व्यापारियों द्वारा दिए जा रहे महत्वपूर्ण सुझावों पर 21 जुलाई को होनेवाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिए जाएंगे।

जीएसटी काे सरल बनाने के लिए देशभर के व्यापारियों से सुझाव मिल रहे हैं, जो भी नया सुझाव मिलता है उस पर पूरी तरह से विचार किया जा रहा है। जीएसटी क्लेम रिफंड का तीसरा चरण शुरू हो गया है। एक्सपोर्ट  के लिए रिफंड प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। 10 लाख तक और 10 लाख से ऊपर के सेल्फ-डिक्लियरेशन पर सीए के सर्टिफिकेट के आधार पर क्लेम अॉडिट चेक किया जाएगा। विभाग के पास जीएसटी रिफंड के लिए 41000 करोड़ रुपए के आवेदन आए हैं, इनमें से लगभग 75 प्रतिशत रिफंड दे दिए गए हैं। बचे हुए रिफंड देने की प्रक्रिया भी चल रही है। 

ये थे उपस्थित 
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि जीएसटी प्रधानमंत्री का बड़ा मिशन है, ताकि एक समान कर प्रणाली लागू कर देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी विचार रखे। जीएसटी आयुक्त एके पांडे, पीएस पुनिया, राजीव जलोटा, भाजपा शहर अध्यक्ष सुधाकर कोहले, विधायक  गिरीश  व्यास, विकास कुंभारे व विधायक मिलिंद माने तथा व्यापारी संगठन के पदाधिकारी हेमंत गांधी, कैलाश जोगनी, जे.पी. शर्मा, दीपेन अग्रवाल, बी.सी भरतिया आदि ने प्रत्यक्ष सुझाव दिए।

प्रमुख व्यापारी संगठनाें से हरीश कृष्णानी, प्रकाश गोयल, प्रकाश कटारिया, रवि जैन, अशोक चावला, तेजिंदरसिंह रेणु, किशोर धाराशिवकर, राजेश रोकड़े, रावलीन सिंह खुराना, शैलेन्द्र मनावत धीरज मालू, उमंग अग्रवाल, सचिन पुनियानी, चंदन गोस्वामी, विश्वबंधु गुप्ता, प्रताप मोटवानी आदि उपस्थित थे।

Similar News