पुलिस वालों की तोंद देखकर भड़के आईजी, दी व्यायाम करने की नसीहत

पुलिस वालों की तोंद देखकर भड़के आईजी, दी व्यायाम करने की नसीहत

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-09 10:14 GMT
पुलिस वालों की तोंद देखकर भड़के आईजी, दी व्यायाम करने की नसीहत

आईजी ने किया वार्षिक निरीक्षण, मुखिया बनकर दरबार में सुनी समस्याएँ 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
आईजी भगवत सिंह चौहान ने शुक्रवार की सुबह पुलिस लाइन का वार्षिक निरीक्षण किया। इस दौरान परेड की सलामी ली, लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान बलवा ड्रिल की रिहर्सल परेड हुई और वज्र वाहन से टीयर गैस छोड़कर दंगाई बने पुलिस कर्मियों को नियंत्रित किया गया। परेड की सलामी के दौरान आईजी ने तोंदू पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को फटकार लगाई और उन्हें तोंद कम करने के लिए नियमित व्यायाम करने की नसीहत दी और फिर दरबार सजाकर अधिकारी-कर्मचारियों की समस्याएँ सुनीं । इस दौरान एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वाहनों की स्टेप्नी खोलने की जाँच की जिसमें लाइन के वाहन चालक जितेंद्र उइके, ब्रजभान, जय प्रकाश, प्रवीण व अशफाक खान द्वारा इस कार्य को बखूबी नहीं कर पाने पर आईजी ने सभी को फटकार लगाते हुए सजा दी। वहीं आँख में पट्टी बाँधकर राइफल खोलने व जोडऩे वाले आरक्षक दक्ष हल्दकार, संतोष कुमार, दिलीप कुमार, रिषी रोहित, राजकुमार की सराहना करते हुए उन्हें 1-1 हजार नकद पुरस्कार प्रदान किया। इस दौरान एएसपी अमित कुमार, अगम जैन, गोपाल खांडेल, शिवेश बघेल, संजय अग्रवाल, आरआई सौरभ तिवारी, सभी सीएसपी, थानेदार सहित पुलिस अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। 
फेस शील्ड पहनकर शामिल हुए 
 कोरोना संक्रमण के चलते परेड में शामिल अधिकारी और पुलिस जवान फेस शील्ड पहनकर शामिल हुए थे।  आईजी ने परेड की सलामी लेते हुए जो अधिकारी और जवान अच्छे टर्न आउट में थे उन्हें इनाम दिया। इसके उपरांत थानों की मोबाइल का निरीक्षण कर क्वार्टर गार्ड की सलामी ली। 
दरबार लगाकर सुनीं समस्याएँ 
 आइजी ने इस दौरान पुलिस लाइन में दरबार लगाकर अधिकारी-कर्मचारियों की समस्याएँ सुनीं और तत्काल उनका निराकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही कोरोना काल में किए गये पुलिस के कार्यांे की सराहना की और शांति व्यवस्था बनाए रखने में योगदान  के लिए बधाई दी। 
सुझावों पर होगा अमल 
 दरबार में टीआई राकेश तिवारी ने सुझाव दिया कि पुलिस की जो नई बिल्डिंग बन रही है उनमें मालखाना के लिए न तो फर्नीचर है न रैक, साथ ही स्टाफ की कमी का सुझाव रखा।  आईजी व एसपी की मौजूदगी में पुलिस कर्मी दंगाई बने और इन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस के वज्र वाहन से टियर गैस छोड़ी गयी, वहीं दंगा में घायल होने वालों को बचाने की रिहर्सल भी की गयी।
 

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