गोठान की भूमि में अवैध कब्जा, बवाल मचने पहुंचे तहसीलदार

पार्षद की शिकायत के बाद जागे गोठान की भूमि में अवैध कब्जा, बवाल मचने पहुंचे तहसीलदार

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-28 08:53 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला मुख्यालय में शासकीय मद की भूमि में अवैध कब्जे का खेल राजस्व विभाग
की अनदेखी के चलते जारी है। ताजा मामला लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक तीन में गोठान की भूमि को अतिक्रमणकारियों के द्वारा निगलने का है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की आंखें तब खुली, जब पार्षद सरला संतोष मिश्रा ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की। मंगलवार को मौके पर तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव अपने अमले के साथ पहुंचे। यहां पर इन्होंने पाया कि विवादित जमीन में निर्माण कार्य चल रहा है। जिस पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

राजस्व अमले के सामने ही स्थानीय लोगों ने विरोध जताते हुए कहा कि शासकीय भूमि को बचाने का जिम्मा आरआई और पटवारी को शासन ने दे रखा है। इसके बावजूद यहां पर मकान निर्माण होना विभागीय कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।

दो जगहों पर हुई थी शिकायत कुठला स्थित शासकीय गोठान की जमीन पटवारी हल्का नंबर 50 खसरा नंबर 224/2 में श्रीकांत पिता चैतुराम पटेल के द्वारा भवन निर्माण किए जाने की शिकायत इसके पहले नगर निगम और तहसील कार्यालय को भी की गई थी।

कलेक्टर को सौंपे गए आवेदन पत्र में पार्षद ने शिकायत पर संतोषजनक कार्यवाही नहीं करते हुए क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक और पटवारी की इस अवैध निर्माण में संलिप्ता है। यहां तक की अवैध निर्माण में कार्यवाही नहीं होने से कब्जाधारियों के द्वारा दबंगदारी दिखाए जाने की भी शिकायत दर्ज कराई थी। शाम तक जारी हुआ आदेश, शासकीय भूमि का दिया है हवाला राजस्व अमला जैसे ही मैदान से लौटा। इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी के नाम एक पत्र भी जारी किया गया। जिसमें पार्षद श्रीमति सरला संतोष मिश्रा के शिकायत का हवाला देते हुए कहा गया है कि मौके पर निर्माण कार्य रुकवाया गया है।

जांच में पाया गया कि खसरा नंबर 224/2 रकबा 0.700 हेक्टेयर भूमि  नजूल भूमि है। पूर्व में तहसीलदार नजूल द्वारा उपरोक्त भूमि पर स्थगन आदेश जारी किया गया था। वर्तमान में 30 बाई 32 वर्गफुट पर निर्माण कार्य होता पाया गया। मौके पर श्रीकांत पटैल एवं उनके पिता चैतू लाल उपस्थित हुए। उनके द्वारा बताया गया कि तहसीलदार कटनी के आदेश पर ही मौके पर श्रीकांत काबिज है। जिसमें तहसीलदार ने लेख किया है कि उपरोक्त वादग्रस्त भूमि शासकीय एवं निजी दोनों नंबर की प्रतीत होती है। खसरा नंबर 224 के 11 बटांक में से कुछ अंश का रकवा शासकीय नजूल में दर्ज है। उपरोक्त संबंध में तहसीलदार नजूल से जांच प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा।

पहले भी लगाया गया था स्टे

जिस जमीन में अवैध निर्माण के शिकायत की जांच करने मंगलवार को राजस्व विभाग के अधिकारी पहुंचे। यहां पर पाया गया कि शिकायत पर पहले ही निर्माण कार्य में स्टे लगा दिया गया था, इसके बावजूद कब्जाधारी ने दु:साहस का परिचय देते हुए फिर से यहां पर मकान तानने का काम शुरु कर दिया था। यह पहला मामला नहीं है, जब गोठान की भूमि में इस तरह का खेल सामने आया हो। बस स्टैण्ड के समीप ही गौशाला की भूमि का अस्तित्व मिटाया जा रहा है। इसकी जानकारी राजस्व और प्रशासनिक अमले को भी है। इसके बावजूद किसी तरह की कार्यवाही अधिकारी नहीं कर रहे हैं।

इनका कहना है

यहां पर प्राइवेट और शासकीय भूमि है। शिकायत मिलने पर मौके पर राजस्व अमला पहुंचा। यहां पर मकान निर्माण हो रहा था। जिसमें स्टे लगा दिया गया है। आवेदक का कहना है कि बंटाकन के लिए उसने आवेदन दिया है।
-संदीप श्रीवास्तव, तहसीलदार कटनी

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