भंडारण की आड़ में चल रहा रेत का अवैध कारोबार , खनन बंद होने के बाद  कहां से आ रही रेत

भंडारण की आड़ में चल रहा रेत का अवैध कारोबार , खनन बंद होने के बाद  कहां से आ रही रेत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-20 07:41 GMT
भंडारण की आड़ में चल रहा रेत का अवैध कारोबार , खनन बंद होने के बाद  कहां से आ रही रेत

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में रेत के भंडारण की अनुमति तो दे दी गई, लेकिन भण्डारण स्थलों पर रेत कहां से कितनी मात्रा में लाई जाकर एकत्रित की जा रही है, इसकी मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है।  यही कारण है कि भंडारण अनुमति की आड़ में रेत का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। 
 

15 जून से जिले में रेत के उत्खनन पर रोक
खनिज अधिनियम के अनुसार 15 जून से जिले में रेत के उत्खनन पर रोक लग चुकी है। इसके बाद भी दर्जनों स्थानों पर रेत के वैध-अवैध ढीहे कैसे लग रहे हैं, इसको लेकर प्रशासन वेपरवाह बना हुआ है। जिले में मात्र 12 लोगों को 12 स्थानों पर रेत भण्डारण की अनुमति मिली हुई है, लेकिन देखा जाए तो इससे अधिक स्थानों पर रेत के ढेर मिल जाएंगे। एक अनुमति की आड़ में दो से तीन स्थानों पर रेत का भंडारण किया जा रहा है। अनुमति देने के बाद इसी मॉनीटरिंग न होना अवैध कारोबार को बढ़ावा देने के समान है। बरसात में नदी नालों से रेत उत्खनन पर रोक की वजह से बरासत के पूर्व बड़ी मात्रा में स्टॉक का खेल चल रहा है, ताकि मनमाने रेट पर बिक्री की जा सके।

वैध के नाम पर अवैध स्टॉक
अनेक स्थानों पर अनुमति की आड़ में अवैध उत्खनन कर रेत एकत्रित की जा रही है। मंगलवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम दरौड़ी में ईटीपी में दर्ज स्टॉक से करीब दस गुना अधिक रेत का भंडारण पाया गया था। राजस्व टीम ने रेत को जब्त किया। एसडीएम सतीश राय ने बताया कि प्रकरण तैयार कर कलेक्टर कोर्ट के सुपुर्द कर दिया गया है। यह तो एक ऐसा मामला है, जो औचक निरीक्षण में सामने आया है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर भंडारण स्थलों पर इसी प्रकार का खेल चल रहा है।

इन स्थानों पर अवैध भण्डारण
जिले में सोन, मुडऩा, बसाढ़ व चूंदी नदी के दर्जनों घाट अवैध उत्खनन के स्थान बन चुके हैं। जहां से रेत निकालकर अवैध रूप से भंडारण किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार नरवार, रोहनिया, कुंंवरसेजा, श्यामडीह, नवलपुर, डालाघाट सहित बटुरा, बिछिया आदि स्थानों पर रेत अवैध रूप से भंडारित की जा रही है। भंडारण एक ही स्थान पर करने की बजाय अलग-अलग स्थानों पर झाडिय़ों के बीच कर लिया जाता है। ताकि पकड़े भी गए तो कुछ ट्रेक्टर ही रेत मिले। अनेक ढीहे तो जंगल के अंदर तक बना रखे हैं।

पत्र जारी करने तक सीमित मॉनीटरिंग
प्रशासकीय अनुमति में कितनी रेत का भंडारण किया जाना है, इसकी कोई लिमिट तय नहीं की गई है। न ही इसकी बाध्यता है कि रेत किस खदान से लाना है। यह जरूर है कि जितनी मात्रा में रेत भंडारित की जा रही है उसकी टीपी होनी चाहिए, जो स्टॉक से मिलान होना चाहिए। अनुमति के बाद स्टॉक में टीपी के अनुसार रेत भंडारित है अथवा नहीं इसकी जांच आज तक शुरु नहीं की जा सकी है। खनिज विभाग द्वारा करीब 15 दिन पहले अधीनस्थों को मॉनीटरिंग का पत्र जारी किया गया था, लेकिन जांच पूरी नहीं हो सकी है।

इनका कहना है
12 लोगों को रेत भंडारण की अनुमति दी गई है। भंडारण की मात्रा सीमित नहीं है, लेकिन स्टॉक के लिए रेत की टीपी होनी आवश्यक है। मॉनीटरिंग के लिए पत्र लिखा जा चुका है।फरहत जहां जिला खनिज अधिकारी

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