अनंत चतुर्दशी के मौके पर शहर में छह स्थानों में हुआ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन

घाट और कुंड में उमड़ा भक्तों का हुजूम अनंत चतुर्दशी के मौके पर शहर में छह स्थानों में हुआ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन

Safal Upadhyay
Update: 2022-09-09 13:45 GMT
अनंत चतुर्दशी के मौके पर शहर में छह स्थानों में हुआ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन

डिजिटल डेस्क,बालाघाट। गणपति बप्पा मोरिया...अगले बरस तू जल्दी आ...जैसे जयकारों के बीच शुक्रवार को भक्तिभाव के साथ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। अनंत चतुर्दशी के मौके पर शहर के नदी तट, तालाबों व नहरों में भक्तों का तांता लगा रहा। दस दिनों तक श्रद्धापूर्वक आराधना के बाद बप्पा की विदाई का पल भावुक रहा। नदी-जलाशयों में सुबह से भक्तों की भीड़ जुटी रही। ढोल-ताशे और डीजे की धुन पर घर में विराजित गणेश जी की प्रतिमाएं सिर पर रखकर परिजन जलाशयों तक पहुंचे। वहीं, सार्वजनिक गणेश उत्सव समितियों द्वारा विराजित प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर देर शाम तक चला। किसी तरह की जनहानि न हो, इसके लिए प्रशासन भी विसर्जन स्थलों पर मुस्तैद रहा। शहर में बने छह विसर्जन स्थलों में सुबह से पुलिस बल की ड्यूटी लगाई गई। उनके साथ नगरपालिका के कर्मचारी, गोताखोर भी मौजूद रहे। आपात स्थिति से बचने के लिए स्थलों पर लाइफ जैकेट, लाइफब्वॉय जैसे सुरक्षा उपकरण भी रखे गए। भक्तों को गहरे पानी या जोखिमभरे स्थान पर जाने या ऐसे स्थान से प्रतिमाओं का विसर्जन न करने के सख्त निर्देश दिए गए। खबर लिखे जाने तक जिले से विसर्जन के दौरान किसी के डूबने से मौत की खबर नहीं है। 

तहसील क्षेत्रों में भी दिखा उत्साह

जिला मुख्यालय के अलावा वारासिवनी, कटंगी, तिरोड़ी, बिरसा, मलाजखंड, बैहर, परसवाड़ा, लामटा सहित अन्य तहसील क्षेत्रों व ग्रामीण इलाकों में गणेश विसर्जन के दौरान भक्तिमय माहौल देखने मिला। मिनी ट्रक, ऑटो, पिकअप, मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों में प्रतिमाओं को विसर्जन घाट तक ले जाया गया। इस दौरा भक्त डीजे और ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमते नजर आए। 

पंडाल से हुआ अनाउंसमेंट, गहराई में न जाएं

इस साल शहर के 75 से अधिक स्थानों में सार्वजनिक रूप से भगवान गणेश की प्रतिमाएं विराजित की गई हैं। कई समितियों ने अनंत चतुर्दशी के मौके पर शुक्रवार को प्रतिमाओं का विसर्जन किया। जबकि कुछ समितियां आज शनिवार को विसर्जन करेंगी। विसर्जन स्थलों पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन तथा नगर पालिका द्वारा ऐहतियातन मार्किंग सहित पंडाल लगाए गए थे, जहां से भक्तों को गहरे पानी की ओर न जाने, नदी किनारे भीड़ न लगाने, धक्का-मुक्की न करने तथा अन्य आपात स्थिति की सूचना देने संबंधी अनाउंसमेंट किया गया। सुरक्षा नियमों को तोडऩे वालों को तत्काल पुलिस बल द्वारा रोका-टोका गया। 

विसर्जन के लिए बनाए कुंड

पर्यावरण संरक्षण तथा वैनगंगा को प्रदूषित होने से बचाने के मकसद से पिछले कुछ सालों से कुंड निर्माण कर वहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। इस साल नगर पालिका द्वारा मोती तालाब के किनारे तथा वैनगंगा नदी के शंकरघाट के पास विसर्जन कुंड बनाया गया है, जहां भक्तों ने छोटी-बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। जबकि पिछले उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में कुंड बनाया गया था, जहां 100 से ज्यादा प्रतिमाएं विसर्जित की गई थीं। 

कल्पतरू विहार कालोनी में घरों में विराजित की गई प्रतिमाएं 

इधर, दूसरी तरफ शहर के कल्पतरू मा कालोनी में घर-घर विराजित भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं का घरों में ही विसर्जन किया गया। दिनभर पूजा अर्चना का दौर चलता रहा। महाप्रसाद वितरण के बाद घर में कुंड बनाया गया था। इसी प्रकार महावीर चौक स्थित मिराज सिनेमा में भी प्रतिमा का भक्तिभाव के साथ कुंड बनाकर विसर्जन किया गया।     

लेकिन घाटों में दिखी ज्यादा भीड़

घाटों में गंदगी को बढऩे से बचाने तथा हादसों को रोकने के मकसद से नपा द्वारा कुंड बनाए गए थे, लेकिन भक्तों की ज्यादा भीड़ नदी घाटों में दिखाई दी। गणेशजी की बड़ी प्रतिमाओं के साथ ढोल-नगाड़ों तथा डीजे की धुन पर घाटों तक पहुंचे भक्तजनों ने भक्तिभाव के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया। पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई तथा वहां पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किया।
 

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