कटनी में अिधकारियों ने आयकर दाता और मृत किसानों को भी दे दिया एक करोड़ का सम्मान

कटनी में अिधकारियों ने आयकर दाता और मृत किसानों को भी दे दिया एक करोड़ का सम्मान

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-30 08:09 GMT
कटनी में अिधकारियों ने आयकर दाता और मृत किसानों को भी दे दिया एक करोड़ का सम्मान

पीएम सम्मान निधि में सामने आया फर्जीवाड़ा  - घर बैठे ही कर दिया सत्यापन, अब वसूली का पेंच

डिजिटल डेस्क कटनी । प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि राशि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने पर प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस योजना के तहत 1 करोड़ रुपए ऐसे किसानों को दे दिया गया, जो सरकार को आयकर भी देते थे। लापरवाही का आलम तो यह रहा जो अन्नदाता दुनिया को अलविदा कहते हुए सिर्फ अपनी यादें छोड़ गए थे। उनके खातों में भी राशि जमा कराने की दरियादिली दिखाई। स्थानीय स्तर पर यह गड़बड़झाला वर्ष 2017-18 और 2019-20 में हो चुका था। समग्र आईडी के आधार पर जब सरकार ने अपने स्तर से जांच कराई तो यह गड़बड़झाला सामने निकलकर आया। जिसके बाद अपात्रों की सूची भेजते हुए वसूली के निर्देश दिए हैं। सूची मिलने के बाद तहसीलदारों को व्यापक स्तर पर रिकव्हरी के लिए लगा दिया गया है। ऐसे खातों को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। 
मृतकों के नाम पर अधिक भुगतान 
एक करोड़ रुपए की राशि में सबसे अधिक भुगतान मृतकों के नाम पर ही किया गया है। किसी को दो हजार, किसी को चार हजार तो किसी को छह हजार रुपए का भुगतान करते हुए इस दायरे मेें 76 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। इसी तरह से आयकर के दायरे में आने वाले किसानों को 34 लाख रुपए इस योजना के तहत दिया जा चुका है। जानकारों का कहना है कि एक बार तो आयकर दाता किसानों से प्रशासन राशि वापस ले सकता है, लेकिन जो इस धरती में ही नहीं हैं। उनसे राशि वसूलना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इस योजना के तहत जिले के दो लाख किसानों में से 1 लाख 31 हजार किसान का चयन हो चुका है। पात्र किसानों तक सम्मान निधि राशि पहुंचाने के लिए तीन-तीन विभाग की फौज मुस्तैद थी। इसके बावजूद अफसरों के आंखों के सामने ही सम्मान के नाम पर तथाकथित घोटाला हो गया। विभागीय सूत्रों ने बताया कि राजस्व अमला जहां किसानों का पंजीयन कराता है। वहीं किसान स्वयं ही पंजीयन करा सकते हैं, लेकिन खातों के सत्यापन की जिम्मेदारी भू-अभिलेख कार्यालय को दी गई थी। नोडल एजेंसी भी भू-अभिलेख थाा। पटवारियों के माध्यम से खातों का सत्यापन कराया जाना था। इसके बावजूद आंख बंद कर घर बैठे ही राजस्व अमला खातों का सत्यापन कर दिया।
इनका कहना है 
अपात्रों के खातों में राशि जमा कराए जाने की जानकारी आई है। इस संबंध में ऊपर से ही अपात्रों की लिस्ट मिली है। जिसमें आयकर दाता और मृतक किसानों के नाम शामिल हैं। यह राशि करीब एक करोड़ रुपए है। वसूली के संबंध में तहसीलदार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। गड़बड़ी कहां पर हुई है। इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। यह बात जरुर है कि ऐसे किसानों ने स्वयं ही पंजीयन कराया था। 
नदीमा शीरी, डिप्टी कलेक्टर 

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