नौकरी दिलाने के नाम पर दो करोड़ की ठगी -प्रदेश और देश की राजधानी में किया कारनामा
नौकरी दिलाने के नाम पर दो करोड़ की ठगी -प्रदेश और देश की राजधानी में किया कारनामा
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जबलपुरिया जालसाजों ने भोपाल एवं दिल्ली एम्स में नर्स की नौकरी दिलाने के नाम पर 50 से अधिक युवतियों से दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। प्रदेश के विभिन्न इलाकों में रहने वाली युवतियों से इस तीन सदस्यीय गिरोह ने 4 से 6 लाख रुपये लिये थे। जब इस मामले में काफी दिनों तक नौकरी नहीं मिली तो चार युवतियों ने भोपाल एसटीएफ को जालसाज दिलशाद खान एवं उसके साथी आलोक कुमार बामने तथा धर्मानंद के बारे में शिकायत दी। इन आरोपियों के बारे में जब एसटीएफ ने पता लगाया तो जानकारी मिली है कि इस गिरोह का मुखिया दिलशाद जबलपुर का रहने वाला है। इतना ही नहीं धर्मानंद भी जबलपुर का रहने वाला है।एसटीएफ ने इंदौर से भोपाल के बीच यात्रा करते समय गिरोह के सरगना दिलशाद को गिरफ्तार किया तो उसके साथी आलोक कुमार को भेल एरिया से गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह के तीसरे सदस्य धर्मानंद की तलाश की जा रही है। धर्मानंद के बारे में जानकारी मिली है कि दिलशाद के गिरफ्तार होने की जानकारी मिलते ही वह फरार हो गया।
एम्स में नौकरी दिलाने का झाँसा दिया
इस मामले में भोपाल एसटीएफ एसपी राजेश कुमार से मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर निवासी दिलशाद पर पहले भी इसी तरह की ठगी के आरोप लग चुके हैं। उसने नर्स की ट्रेनिंग करने वाली युवतियों को एम्स में नौकरी दिलाने का झाँसा दिया। कुछ युवतियों को उसने दिल्ली एम्स भी ले जाकर घुमाया। उसने युवतियों को बताया कि एम्स के डायरेक्टर उसके मित्र हैं। युवतियों ने जब खुद दिल्ली व भोपाल के एम्स जाकर दिलशाद की जान पहचान देखी तो युवतियों के साथ उनकी परिचितों ने भी नौकरी के नाम पर 4 से 6 लाख रुपये दिलशाद को दे दिये।
लम्बे समय से ठगी
जबलपुर के दिलशाद के बारे में एसटीएफ को जानकारी मिली है कि वह पहले छोटे पैमाने पर नर्सों की भर्ती के नाम पर ठगी करता था। इस बार उसने बड़े पैमाने पर ठगी की है। इस गिरोह का तीसरा सदस्य पकड़ाई में आने के बाद और भी ठगी के मामले उजागर होने की उम्मीद है।
5 शादियाँ की - गिरोह के सरगना दिलशाद ने 5 शादियाँ की हैं। इनमें से चौथे नम्बर की पत्नी आयुर्वेदिक डॉक्टर है। वह जबलपुर के आदर्श नगर में क्लीनिक चलाती है। उसकी 5वें नम्बर की पत्नी भोपाल में रहती है और बाकी चारों पत्नियाँ जबलपुर में ही रहती हैं।