टीकमगढ़ के थाने में किसानों की पिटाई का मामला, 'थाने में मौजूद सारे पुलिसकर्मी लाइन अटैच'

टीकमगढ़ के थाने में किसानों की पिटाई का मामला, 'थाने में मौजूद सारे पुलिसकर्मी लाइन अटैच'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-13 07:26 GMT
टीकमगढ़ के थाने में किसानों की पिटाई का मामला, 'थाने में मौजूद सारे पुलिसकर्मी लाइन अटैच'

डिजिटल डेस्क,भोपाल। टीकमगढ़ जिले में कांग्रेस के ‘खेत बचाओ-किसान बचाओ’ आंदोलन के दौरान थाने में किसानों के कपड़े उतारकर पिटाई के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक्शन लेते हुए घटना के वक्त थाने में मौजूद पूरे स्टाफ को लाइन अटैच करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही TI को हटाकर जिले से बाहर करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक को इस मामले की जांच करवाकर रिपोर्ट 3 दिन में देने के निर्देश दिए थे।

अर्धनग्न कर किसानों को पीटा गया था


गौरतलब है कि जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए इसी महीने के पहले सप्ताह में किसानों ने कांग्रेस के साथ आंदोलन किया। कांग्रेस के इस खेत बचाओ-किसान बचाओ आंदोलन में शामिल होने के लिए किसान आए थे। इस दौरान कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग कर रहे किसानों की पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले छोड़े। कुछ देर बाद आंदोलन से वापस लौट रहे किसानों से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस ने रोक ली और उन्हें देहात थाने ले गए। थाने में कपड़े उतारकर जमकर पिटाई की। पीड़ित किसान ने बताया कि जब किसान प्रदर्शन से गांव लौट रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया और थाने ले जाकर जमकर पिटाई की। जब ये खबर पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह को लगी तो उन्होंने थाना पहुंचकर इन किसानों को छुड़ाया।

कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आए थे
दरअसल स्थानीय राजेंद्र पार्क स्थित मानस मंच पर खेत बचाओ-किसान बचाओ आंदोलन के दौरान कांग्रेस की विशाल जनसभा हुई। इसके बाद प्रदर्शन करते हुए हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट का घेराव करने के लिए संयुक्त कार्यालय की ओर बढ़े, जहां भारी पुलिस बल तैनात था। कांग्रेस नेता और किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात पर अड़े थे, लेकिन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल काफी देर तक ज्ञापन लेने नहीं आए। कलेक्टर ने एक प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन देने के लिए बुलाया।  ज्ञापन देने गया प्रतिनिधिमंडल काफी देर तक नीचे नहीं आया तो यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ गया। इस दौरान हालात लगातार बिगड़ते चले गए। देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई और पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। 

क्या थी किसानों की प्रमुख मांगें
जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए
खराब फसलों का मुआवज़ा दिया जाए
ज्यादा बिजली के बिल माफ किए जाएं
फसल बीमा की राशि खातों में डाली जाए

मामले पर गरमाई सियासत

किसानों की पिटाई के इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं। मंदसौर में किसान गोलीकांड के बाद कांग्रेस को टीकमगढ़ में किसानों की पिटाई का बड़ा मुद्दा मिला। सरकार की तरफ से पुलिस पर कार्रवाई को डैमेज कंट्रोल के तौर पर भी देखा जा रहा है।

 

 

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