कोतमा भूमि अधिग्रहण मामले की जांच शुरू, अलग-अलग कक्षों में लिए गए बयान

शहडोल कोतमा भूमि अधिग्रहण मामले की जांच शुरू, अलग-अलग कक्षों में लिए गए बयान

Ankita Rai
Update: 2022-01-25 10:11 GMT
कोतमा भूमि अधिग्रहण मामले की जांच शुरू, अलग-अलग कक्षों में लिए गए बयान

 डिजिटस डेस्क   शहडोल  कोतमा में हाईवे के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में हुई गड़बड़ी मामले की जांच सोमवार को संभागायुक्त कार्यालय में शुरू हो गई। पहले दिन १० पीडि़त किसानों और करीब एक दर्जन आरआई और पटवारियों से अपने बयान दर्ज कराए हैं। २७ जनवरी तक संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पीडि़त किसानों के बयान दर्ज किए जाएंगे। 
  संभागायुक्त कार्यालय में जांच प्रक्रिया पूरे पारदर्शी तरीके से चल रही है। सोमवार को शिकायतकर्ता और मुआवजा नहीं पाने वाले किसानों के अलग कक्ष में बयान दर्ज किया गया। वहीं संबंधित इलाके के तत्कालीन और वर्तमान आरआई और पटवारियों के अलग कक्ष में बयान लिए गए। किसानों ने जहां दो-दो पेज के बयान दर्ज कराए हैं। वहीं आरआई पटवारी के बयान तीन से चार पेज के हैं। इस दौरान संभागायुक्त राजीव शर्मा और डिप्टी कमिश्नर राजस्व भी मौजूद रहीं। अधिकारियों के अनुसार मामले से जुड़े लोगों के अलावा अगर किसी अन्य के पास भी कोई दस्तावेज या तथ्य हैं तो वे भी कमिश्नर कार्यालय आकर इसे प्रस्तुत कर सकते हैं। 
एसडीएम ने दर्ज नहीं कराए बयान 
कोतमा के तत्कालीन एसडीएम मिलिंद नागदेवे भी सोमवार को कमिश्नर कार्यालय में दिखे थे, लेकिन उन्होंने अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं। वे शायद पहले दिन यहां का माहौल लेने आए थे। मंगलवार को अपने बयान दर्ज करा सकते है। वहीं एक अन्य पूर्व एसडीएम ऋषि सिंघई ने बयान दर्ज कराने के लिए कुछ समय मांगा है। वे वर्तमान में दतिया जिले के एसडीएम हेडक्वार्टर हैं और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटे हैं। उनके द्वारा गणतंत्र दिवस के बाद अपने बयान दर्ज कराने की अनुमति मांगी है, जिसे कमिश्नर ने स्वीकार कर लिया है। वे २७ या २८ जनवरी को आएंगे। इसके अलावा एमपीआरडीसी के तत्कालीन तथा वर्तमान अधिकारी भी अभी बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंचे हैं। उनके मंगलवार या गुरुवार को आने की संभावना है।

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