जयपुर: ’प्रदेश में 4.14 लाख बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को होगा राशन का वितरण’

जयपुर: ’प्रदेश में 4.14 लाख बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को होगा राशन का वितरण’

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-18 08:08 GMT
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डिजिटल डेस्क, जयपुर। ’प्रदेश में 4.14 लाख बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को होगा राशन का वितरण’ ’10 किलो गेंहू प्रति व्यक्ति एवं 2 किलो चना साबुत प्रति परिवार निःशुल्क होगा वितरण’ ’राशन का वितरण पोस मशीन के माध्यम से हुआ शुरू’। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार प्रदेश में दुबारा किए गए सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए ऎसे बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित नहीं है ऎसे 4.14 लाख बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए 13 हजार 734 मैट्रिक टन गेहूं एवं लगभग 648 मेट्रिक टन साबुत चना का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इन परिवारों को एक मुश्त 10 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति एवं 2 किलो चना साबुत प्रति परिवार निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इन परिवारों को राशन का वितरण का कार्य पोस मशीन के माध्यम से प्रारंभ हो गया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि आवंटित किए गए गेहूं एवं चना का वितरण केवल नॉन एनएफएसए के बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों को ही किया जाएगा।उन्होंने बताया कि लाभार्थी को खाद्यान्न प्राप्त करते समय अपना जन-आधार या आधार कार्ड लेकर आना होगा। उचित मूल्य दुकानदार गेहूं एवं चना बांटते समय मोबाइल पर लाभार्थी का आधार या जन- आधार नंबर डालने पर ओटीपी प्राप्त होने पर ही राशन का वितरण कर सकेगा। उन्होंने बताया कि अगर किसी लाभार्थी का जनाधार या आधार में दर्ज मोबाइल नंबर बदल गया है तो उसी समय नया मोबाइल नंबर अपडेट करवा कर उस पर ओटीपी प्राप्त कर अपना राशन ले सकेगा।

शासन सचिव ने बताया कि राशन वितरण के दौरान कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी SOP का पूर्णता ध्यान रखना होगा। वितरण संबंधी सभी स्थानों को समय-समय पर सैनिटाइजर करवाया जाना जरूरी होगा। गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए ऎसे बेसहारा एवं जरूरतमंद परिवारों का सर्वे करवाया था जिन्हें राशन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता नहीं थी ऎसे में विभाग द्वारा विशेष सर्वेक्षण की तर्ज पर एक बार दोबारा सर्वेक्षण करवाया गया जिसमें 4.14 लाख परिवार सहित 15 लाख 36 हजार व्यक्ति चिन्हित किए गए थे।

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