सरलता और सहजता की प्रतिमूर्ति थीं जस्टिस वंदना कसरेकर - हाईकोर्ट ने वर्चुअल तरीके से दी श्रद्धांजलि
सरलता और सहजता की प्रतिमूर्ति थीं जस्टिस वंदना कसरेकर - हाईकोर्ट ने वर्चुअल तरीके से दी श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट द्वारा सोमवार को इंदौर खंडपीठ की जस्टिस वंदना कसरेकर के निधन पर वर्चुअल तरीके से शोक श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जस्टिस कसरेकर का निधन हाईकोर्ट के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सरलता और सहजता की प्रतिपूर्ति थीं। उन्होंने हमेशा न्यायिक मर्यादाओं का पालन करते हुए पक्षकारों को राहत प्रदान की। मप्र हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव ने कहा कि जस्टिस वंदना कसरेकर सहजता और सरलता से पक्षकारों की सुनवाई के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने हमेशा न्यायिक मर्यादाओं का पालन किया। महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि जस्टिस कसरेकर का दो साल का कार्यकाल शेष था। उनके अचानक निधन से विधि जगत स्तब्ध है। वे एक सुलझी हुई न्यायाधीश थीं। हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि जस्टिस वंदना कसरेकर का जन्म एक किसान के घर पर हुआ। वकालत करने के बाद वे हाईकोर्ट जज नियुक्त हुईं। उनके निधन से विधि जगत को गहरा धक्का लगा है। इस मौके पर स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन डॉ. विजय चौधरी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन और सीनियर्स एडवोकेट की ओर से आदित्य अधिकारी ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।