9 साल बाद एक मंच पर साथ दिखे ज्योतिरादित्य और यशोधरा , सूबे की सियासत में हलचल

9 साल बाद एक मंच पर साथ दिखे ज्योतिरादित्य और यशोधरा , सूबे की सियासत में हलचल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-03 05:44 GMT
9 साल बाद एक मंच पर साथ दिखे ज्योतिरादित्य और यशोधरा , सूबे की सियासत में हलचल

डिजिटल डेस्क,शिवपुरी। करीब 9 साल बाद राजनीति के दो दिग्गज और रिश्ते में बुआ-भतीजा एक साथ नजए आए। मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंच साझा किया। मौका था स्वर्गीय माधराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम। कार्यक्रम में जब सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद यशोधरा राजे सिंधिया को राजशाही ढंग से नमस्कार किया। इसके जबाव में यशोधरा ने भी दोनों हाथ जोड़कर ज्योतिरादित्य को नमस्कार किया।

शिवपुरी की नगरपालिका परिषद में आयोजित कार्यक्रम में यशोधरा राजे और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक साथ स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर सांसद सिंधिया ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि स्वर्गीय माधवराव सिंधिया राजनीति समाज सेवा के लिए करते थे। वर्तमान समय में राजनीति में वो वातावरण धूमिल हो चुका है। वहीं, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि राजनैतिक कारणों के चलते भले ही उनकी मां और भाई के रास्ते अलग-अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने ही अपना पहला और अंतिम चुनाव शिवपुरी से लड़ा और एक ही वर्ष में दोनों को एक रास्ते पर लाते हुए ईश्वर ने अपने पास बुला लिया। उन्होंने शिवपुरीवासियों से वादा कि अब जल्द ही राजमाता सिंधिया की भी मूर्ति का अनावरण होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी क्षेत्र में उनकी दादी राजमाता सिंधिया की भी मूर्ति का अनावरण करने की बात कही।

2008 में किया था मंच साझा
गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 9 साल बाद एक मंच पर आए। पहली बार दोनों ने 2002 में स्टेडियम की आधारशिला रखी थी। जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल थे। स्टेडियम बनने के बाद 9 अगस्त 2008 को सांसद ज्योतिरादित्य और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने मंच साझा किया था।

बता दें कि यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई बार जुबानी जंग देखने को मिली है। ऐसे में शिवपुरी में आयोजित कार्यक्रम में दोनों नेताओं को बतौर मुख्य अतिथि बुलाने को लेकर असमंजस था। अटकलें लगाई जा रही थीं कि कार्यक्रम में दोनों में रार दिखाई देगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। 

सिंधिया परिवार में संपति विवाद
सिंधिया राजपरिवार के तीन दशक पुराना संपत्ति विवाद चल रहा है। गुना सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बुआ राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे और ऊषा राजे के बीच संपत्ति विवाद न्यायालय में लंबित है। दरअसल, साल 1976 में माधवराव सिंधिया और उनकी मां विजयाराजे सिंधिया यानि की राजमाता के बीच संपत्ति का बंटवारा हो गया था। इन दोनों के निधन के बाद संपत्ति में राजमाता की बेटी यशोधरा राजे, वसुंधरा राजे, ऊषा राजे का नाम आया है। इन तीनों के नाम संपत्ति में न आएं। इसे लेकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सिविल दावा जिला कोर्ट में लगाया है। 

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने कोर्ट में दावा पेश कर मांग की है कि सिंधिया राजवंश की संपत्ति का उन्हें एकमय स्वामित्व दिया जाए। सिविल दावे में तर्क दिया कि ज्योतिरादित्य राजा के पुत्र हैं। उनके परिवार में राजा की गद्दी का कानून चलता है। राजा की गद्दी उसके बेटे को मिलती है। गद्दी मिलने पर संपत्ति पर पूर्ण अधिकार राजा का होता है। ज्योतिरादित्य अकेले वारिस हैं। इसलिए संपत्ति पर उनका एकाधिकार है। उनकी संपत्ति पर किसी दूसरे का नाम न दर्ज किया जाए। उन्होंने इस दावे में यशोधरा राजे, वसुंधरा राजे व ऊषा राजे को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने चारों को बीच सुलह की कोशिश की है और समझौते के लिए एक मौका दिया है। दोनों की पक्षों को समझौतानामा 6 अक्टूबर तक पेश करना है, अगर ऐसा नही होता है तो कोर्ट अपनी ओर से फैसला सुनाएगा।
 

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