कर्नाटक के वैज्ञानिकों ने देखे नर्मदा के हालात, पॉल्यूशन को बताया गंभीर

कर्नाटक के वैज्ञानिकों ने देखे नर्मदा के हालात, पॉल्यूशन को बताया गंभीर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 07:51 GMT
कर्नाटक के वैज्ञानिकों ने देखे नर्मदा के हालात, पॉल्यूशन को बताया गंभीर

डिजिटल डेस्क  डिण्डौरी। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के तहत गुरूवार को कर्नाटक की टीम ने नर्मदा क्षेत्रों का भ्रमण किया है जहां विभिन्न घाटों पर जाकर वहां की स्थितियां और बढ़ रहे जल प्रदूषण को रोकने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किए है। बताया जाता है कि नदी जल संरक्षण तथा जल प्रदूषण मुक्त रखने के लिए मुख्य रूप से जो दिशा निर्देश दिए गए है उसमें नदी प्रवाहित क्षेत्र में पॉलीथिन, कैरी बैग का उपयोग न किए जाने और उसे निषेध करने की दिशा में शहर व परिषद के प्रयास होना चाहिए इसके अलावा वन विभाग व राजस्व को नर्मदा क्षेत्र में पेड़ पौधों का संरक्षण और अधिक से अधिक पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए है। वहीं वाहन प्रदूषण की रोकथाम हेतु दिशा निर्देश देते हुए कहा गया है कि जल जीवों के लिए बेहतर होगा कि क्षेत्र में अधिक ध्वनि प्रदूषण न हो और इसे भी रोका जाए जिससे तटीय क्षेत्रों में मछलियों आदि की विभिन्न प्रजातियों को संरक्षित किया जा सके। नदियों में मछलियों की घटती तादाद जल प्रदूषण को बढ़ाती है यहां जल कीट और जीव जल को शुद्ध बनाने में सहायक रहते है। ऐसी स्थिति में संबंधित विभागों को पूरे सिस्टम के साथ कार्य करना होगा। इस दौरान क्षेत्र भ्रमण में लगी वैज्ञानिकों की टीम ने नगर परिषद से घर-घर जाकर कचरा कलेक्शन किए जाने और डिस्पोजल आदि का प्रवाह नर्मदा क्षेत्र में न किए जाने के भी निर्देश दिए है। यहां आई वैज्ञानिकों की टीम में क्षेत्रीय अधिकारी भी शामिल रहे। बताया जाता है कि डॉक्टर आरएस परिहार, कार्यपालन यंत्री डॉक्टर एसबी तिवारी, वैज्ञानिक जीके बैगा सहित अन्य वैज्ञानिकों की मौजूदगी रही। जिसमें उक्त निर्देश देते हुए नदी के शुद्धिकरण के प्रयास किए जाने को कहा गया है।
दूषित हो गया है नर्मदा जल
अधिकारियों का कहना है कि लगातार कचरा आदि फैके जाने के कारण जल प्रदूषण बढ़ा है और नर्मदा जी का जल भी कई स्थानों पर खासा प्रदूषित हुआ है। बहरहाल जगह-जगह से नर्मदा जल का सेम्पल लिया गया है और कहां कितना प्रतिशत जल प्रदूषित है उसकी मात्रा का पता लगाया जाएगा। ऐसे हालातों में नदियों का संरक्षण किए जाने की केन्द्र व प्रदेश सरकार की जो योजना तैयार की गई है उसके तहत नर्मदा क्षेत्र में समय-समय पर जल की स्थितियों का पता लगाया जाएगा और क्षेत्रीय नगर परिषद से व्यवस्था बनाने को कहा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि डिण्डौरी जिले में कई स्थानों पर जल प्रदूषण सामने आया है। जहां जल कीटों व मछलियों आदि को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे हालात में जल को शुद्ध रखने के प्रयास करना होगे और नर्मदा तट पर बिना कास्टिक व पॉलिथिन आदि का उपयोग न करने के लिए सूचना पटल लगाए जाएगे।

 

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