महाराष्ट्र में बंधक हैं कटनी के मजदूर - परिजनों ने एसपी से लगाई गुहार
महाराष्ट्र में बंधक हैं कटनी के मजदूर - परिजनों ने एसपी से लगाई गुहार
रोजी-रोटी के लिए गए थे स्लीमनाबाद से आधा सैकड़ा श्रमिक, कम मजदूरी के साथ दे रहे यातनाएं
डिजिटल डेस्क कटनी । दीपावली के बाद रोजी रोटी कमाने के लिए महाराष्ट्र के सोलापुर गए कटनी जिले के लगभग आधा सैकड़ा श्रमिक बंधक बन कर रह गए हैं। मजदूरी कम देकर उनसे काम लिया जा रहा है और प्रताडि़त भी किया जा रहा है। यह जानकारी स्लीमनाबाद क्षेत्र के धनवाही निवासी नोनेलाल आदिवासी को उसके पत्नी और पुत्र ने दिया है जो मजदूरी करने सोलापुर गए हुए हैं। फोन पर परिजनों से बात करने पर भी मारपीट की जा रही है। मजदूरों में नाबालिग बच्चियां और उनके भाई-भाभी समेत कई रिश्तेदार भी हैं जिन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
धनवाही, करियापाथर और सलैया से गए थे श्रमिक
जानकारी के अनुसार कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के गांव धनवाही, करियापाथर और सलैया के मजदूर स्थानीय दलालों के चंगुल में फंसकर सोलापुर गए थे। धनवाही निवासी नोनेलाल कोल (45) अनुसार दीपावली के पहले बहोरीबंद तहसील के कूडऩ और भरदा के तीन, चार लोग गांव में आए थे। जिन्होंने अच्छी मजदूरी देने का झांसा दिया था। इसके बाद नोनेनाल के परिवार के सदस्य भी रोजी रोटी कमाने के लिए गए थे।
गन्ना कटाई करने गए थे श्रमिक
जानकारी देते हुए नोनेलाल आदिवासी ने बताया कि अच्छी मजदूरी पर काम मिलने की लालच में उसने अपनी पत्नी ममता (35), पुत्र रूपलाल (22), पुत्री वंदना (17) को काम पर भेज दिया था। इनके साथ छोटे भाई की बच्ची रज्जी (17), मनसा (20), बेटा दिप्पू (25), बहू रोशनी (22) और दिप्पू की सास मीरा (40) भी गन्ना कटाई करने गए थे।
पुलिस से लगाई मदद की गुहार
फोन पर नोनेलाल आदिवासी के परिवार ने जानकारी दिया कि पहले तो दलाल ने काम के अच्छे पैसे दिए लेकिन एक सप्ताह बाद 100 रुपये प्रतिदिन ही मजदूरी देने लगा। मजदूरी कम करने पर मजदूरों ने गांव लौटने की बात कही तो दलाल ने उन्हें बंधक बना लिया और मारपीट करने लगा। परेशान नोनेलाल आदिवासी व ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर मदद की गुहार लगाई है। स्लीमनाबाद टीआई अजय बहादुर सिंह का कहना था कि मामला संज्ञान में है लेकिन अभी थाने में कोई रिपोर्ट नहीं मिली। पीडि़त थाने पहुंचेंगे तो कार्रवाई होगी।
इनका कहना है
अभी मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसी कोई शिकायत प्राप्त होती है तो पुलिस गंभीरता से कार्रवाई करेगी और श्रमिकों को वापस लाने के प्रयास किए जाएंगे।
-संदीप मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक