स्वच्छता सर्वेक्षण में कटनी नगर निगम  को मिली देश में 24 वीं रैंक

स्वच्छता सर्वेक्षण में कटनी नगर निगम  को मिली देश में 24 वीं रैंक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-21 10:36 GMT
स्वच्छता सर्वेक्षण में कटनी नगर निगम  को मिली देश में 24 वीं रैंक

एक साल में लगाई 73 पायदान की छलांग, जनवरी में हुआ था सर्वेक्षण, नए प्रयोगों ने दिलाई सफलता, अब नंबर वन का लक्ष्य
डिजिटल डेस्क कटनी ।
देश भर में हुए शहरों के स्वच्छता  सर्वेक्षण 2020 में कटनी शहर 97 वें स्थान से छलांग लगाकर सीधे 24 वें नम्बर पर जगह बनाई है। प्रदेश में कटनी का आठवां स्थान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवेें संस्करण की रैंकिंग घोषित की गई। एक लाख से दस लाख तक की आबादी वाले देश के एक हजार शहरों की रैकिंग में कटनी का 24 वें स्थान पर पहुंचना शहरवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। नगर निगम द्वारा पिछले तीन साल से स्वच्छता में रैंकिंग सुधारने लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दो साल पहले 2018 में कटनी का 111 वां नम्बर था। पिछले साल भी सुधार करते हुए 97 वें स्थान में पहुंचा था।
स्वच्छता  सर्वेक्षण 2020 में 73 पायदान की छलांग लगाते हुए 4405.82 अंक अर्जित कर 24 वें नम्बर पर जगह बनाई है। जबकि प्रदेश में आठवां स्थान है। जनवरी 2020 में दिल्ली से आई टीम ने निर्धारित पैरा मीटर के अनुसार निरीक्षण किया था। चार जनवरी से 31 जनवरी तक चले स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम ने पैरा मीटर में खरा उतरने का प्रयास किया। उसी का परिणाम है कि दो साल में ही रैंकिंग में सुधार हुआ। अब नगर निगम का लक्ष्य देश में नम्बर वन बनने का है।
टीम वर्क से मिली सफलता
नगर निगम के नोडल अधिकारी आदेश जैन ने बताया कि टीम वर्क से यह सफलता हासिल हुई है। इसके लिए बेसिक तैयारी दिसम्बर 2019 में ही कर ली गई थी। नगर निगम प्रशासक कलेक्टर  शशिभूषण सिंह के मार्गदर्शन में तत्कालीन आयुक्त आर.पी.सिंह, उपायुक्त असफाक परवेज कुरैशी, कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा, की नियमित मॉनीटरिंग, निर्देशन से कई नवाचार किए गए। तत्कालीन महापौर शशांक श्रीवास्तव सहित पार्षदों का भी महत्वपूर्ण  सहयोग रहा।
नवाचारों ने दिलाए नम्बर
नोडल अधिकारी के अनुसार स्वच्छता के लिए नगर निगम द्वारा किए नवाचारों का रैंकिंग में महत्वपूर्ण योगदान रहा। नगर निगम को ओडीएफ डबल प्लस में 800 नम्बर पहले ही मिल चुके थे। सबसे महत्वपूर्ण डोर टू डोर कलेक्शन एवं कचरा को डिस्पोजल था। कचरा से खाद बनाने का देश का पहला प्लांट कटनी में लगा है। इसके अलावा कचरा का होम कम्पोजिंग कराने का भी नवाचार किया जा रहा है। कबाड़ से जुगाड़  के तहत हैंडपम्पों के पुराने पाइप से कटाएघाट में रैलिंग, पुराने टायरों से सौंदर्यीकरण किया गया। कटाएघाट में ही गंदे पानी का बंड बनाकर प्राकृतिक तरीके से फिल्टरेशन किया गया और इस पानी को झील में एकत्र कर वहां बोटिंग शुरू कराई। इसके अलावा जीटीएल गूगल टायलेट लोकेटर तैयार किया। जिसमें शहर के शौचालयों की लोकेशन पता चलती है। शहर के 38 में से 32 सुलभ शौचालयों प्रापर रनिंग में लाए गए।
 

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