बालक-बालिका के अंतर वाले जिलों में सतत निगरानी रखे सोनोग्राफी करने वालों पर नजर रखें पीसीपीएनडीटी बोर्ड मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

बालक-बालिका के अंतर वाले जिलों में सतत निगरानी रखे सोनोग्राफी करने वालों पर नजर रखें पीसीपीएनडीटी बोर्ड मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-16 07:45 GMT
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डिजिटल डेस्क, भिण्ड। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ . प्रभु राम चौधरी ने कहा कि जिन जिलों में जन्म के समय बालक बालिका लिंग अनुपात में अधिक अंतर है और बालिकाओं की संख्या कम है ऐसे जिलों पर सतत नजर रखे। उक्त आशय के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने आज मंत्रालय में पीसीपीएनडीटी अधिनियम राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) - पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम 1994 के अंतर्गत जन्म के समय निम्न लिंगानुपात प्रतिवेदित करने वाले 8 जिलों में सशक्त निगरानी की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संभागीय स्तर पर निगरानी समीति गठित किए जाने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में लिंग चयन गतिविधियों के प्रतिषेध हेतु मुखबिर योजना में प्रोत्साहन राशि की वृद्धि हेतु तर्कसंगत प्रस्ताव बनाया जायेगा। साथ ही अभियोजन कार्यवाहियों में गति लाने एवं निषेधात्मक गतिविधियों की निगरानी की वृद्धि के लिए पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम के अंतर्गत किए गए अपराधों को जघन्य अपराध के समकक्ष मानते हुए कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा नियमित मासिक समीक्षा करने के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री डॉ. द्वारा दिए गए। जन्म के समय लिंगानुपात की सर्वाधिक कमी प्रतिवेदित करने वाले 4 जिले यथा मुरैना, भिण्ड, दतिया एवं बुरहानपुर में पंजीबद्ध सोनोग्राफी मशीनों में प्रथम एवं द्वितीय त्रैमास के गर्भ वाले गर्भवती महिलाओं की जानकारी का विश्लेषण कर, गर्भ के आउटकम/प्रसव की जानकारी एकत्रित कर समीक्षा के निर्देश दिए गए। लिंग चयन एवं लिंग आधारित गर्भपात के दुष्प्रभाव एवं गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) - पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम 1994 के बारे में महाविद्यालयीन छात्राओं को जागरूक करने हेतु कॉलेजों में इस संबंध में केन्द्रित गतिविधियाँ एवं प्रसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अतिरक्ति मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य आयुक्त, आयुक्त, महिला एवं बाल विकास विभाग, मिशन संचालक, एन.एच.एम., उप सचिव, स्वास्थ्य, संचालक, स्वास्थ्य सेवायें तथा संचालक, आई.ई.सी., अतिरिक्त सचिव, विधि एवं विधाई विभाग तथा उप संचालक, आयुष विभाग, द्वारा प्रतिभागिता की गई। साथ ही राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड के सदस्यों में डॉ. आलोक लाहोटी, डॉ. ज्योति बिंदल, डॉ. प्रतिभा सिंह, श्री अमूल्य निधी, श्री मुकेश बिरला, डॉ. नीरजा पौराणिक, डॉ. रजनी भंडारी द्वारा भाग लिया गया। उक्त बैठक में संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के अतिरिक्त संचालक, विनियमन एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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