किसान आंदोलन : आंदोलनकारियों को तीन कैटेगरी में बांटा, भरवाएंगे बॉण्ड

किसान आंदोलन : आंदोलनकारियों को तीन कैटेगरी में बांटा, भरवाएंगे बॉण्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-30 08:08 GMT
किसान आंदोलन : आंदोलनकारियों को तीन कैटेगरी में बांटा, भरवाएंगे बॉण्ड

डिजिटल डेस्क, शहडोल। आगामी 1 से 10 जून तक प्रस्तावित किसान आंदोलन को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने प्रशासन सजग हो उठा है। खासकर पुलिस प्रशासन सुरक्षा को लेकर हर तरह से किलेबंदी करने में जुट गया है। संभावित प्रदर्शन की अगुवाई करने वालों से शांति व्यवस्था बनाए रखने का बॉण्ड भरवाया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों की चल-अलच संपत्ति राजसात करने जैसी कार्रवाई भी कराई जाएगी। शहडोल जोन में पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश IG द्वारा दिए जा चुके हैं। कमिश्नर व सभी जिलों के कलेक्टर तथा SP की संयुक्त बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति तैयार हो चुकी है।

नोटिस तीन रंगों का
CRPC की धारा 134 के तहत जोन स्तर पर पुलिस की ओर से तीन कटेगरी बनाकर अलग-अलग रंगों की नोटिस दिए जाएंगे। नोटिस के साथ ऐसे लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने का बॉण्ड मजिस्ट्रेट के सामने भरवाया जाएगा जो आंदोलन के लिए पहली लाइन में और ऐसे रूप में चिन्हित होंगे जिनसे कानून व्यवस्था बिगड़ने का अधिक अंदेशा होगा। दूसरी कटेगरी ऐसे लोगों की है जो प्रदर्शन या आंदोलन में शामिल तो होते हैं लेकिन उनसे व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा पहले वाले से कम होगा। इस स्तर के लोगों को यलो कलर की नोटिस जारी की जा रही हैं। वहीं तीसरी कटेगरी व्हाइट यानि सफेद नोटिस की बनाई गई है जो केवल प्रदर्शनों में शामिल होते हैं।

इस प्रकार की किलेबंदी
संभाग में संभावित किसान आंदोलन व प्रदर्शनों के दौरान उत्पन्न होने वाले विपरीत हालातों से निपटने के लिए प्रशासन ने जमकर किलेबंदी करनी शुरु कर दी है। ऐसे लोगों को लगभग चिन्हित कर लिया गया है जो किसी बड़े आंदोलन की अगुवाई कर सकते हैं। ऐसे गुण्डा तत्वों की लिस्टिंग कराई जा रही है जो आंदोलन की आड़ में कानून व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं। स्थायी व अस्थायी वारंटियों की धरपकड़ की जा रही है। दूध व सब्जी आने-जाने के रूटों की जानकारी लेकर उनकी निर्बाध आपूर्ति के लिए पुलिस जवानों को तैनात किया जा रहा है। IG ने सभी SP व थाना प्रभारियों को बाहरी व्यक्तियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। चेकिंग अभियान बढ़ाकर होटलों, लॉज बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशनों पर सघन जांच की जाएगी।

शहर नहीं आएगा किसान
इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ का कहना है कि प्रशासन और पुलिस अभी से गांव बंद को लेकर किसानों को परेशान कर रही है, जिससे किसानों के अंदर काफी आक्रोश है। महासंघ के संभागीय अध्यक्ष खड़क सिंह ने बताया कि 1 जून से 10 जून तक देशव्यापी गांव बंद रहेगा। किसान अपने गांव में ही रहेगा और फल, सब्जी या दूध बेचने शहर नहीं जाएगा। किसानों की प्रमुख मांग है कि सभी किसानों का संपूर्ण ऋण माफ किया जाए। फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जाए। 55 वर्ष की आयु से ऊपर के किसानों को पेंशन दी जाए तथा फल, सब्जी व दूध को भी लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी समर्थन मूल्य तय किया जाए।

इनका कहना है
लोकतांत्रिक तरीके से विरोध का अधिकार सभी को है, लेकिन कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है, ऐसा करते पाए जाने पर कानून अपना काम करेगा। तीन स्तरों में नोटिस दी जा रही है। थाना प्रभारी गांव गांव जाकर लोगों के संपर्क में हैं। समझाइश दी जा रही है कि किसी अफवाह में न आएं।
-आईपी कुलश्रेष्ठ IG शहडोल जोन
 

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