कोरबा : कोरोना के दौर में बच्चों को यू-ट्यूब से शिक्षा दे रही शिक्षिका बबीता चौधरी

कोरबा : कोरोना के दौर में बच्चों को यू-ट्यूब से शिक्षा दे रही शिक्षिका बबीता चौधरी

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-02-09 09:46 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोरबा। दीक्षा ऐप, गूगल ट्रांसलेटर, बोलो ऐप से सीखा रही रचनात्मक गतिविधियां कोविड-19 न बन सकी बाधा, स्वयं कोरोना संक्रमित होने के बाद भी ऑनलाइन कक्षा व वॉट्सअप ग्रुप के माध्यम से पढ़ाई रखी जारी कोरबा 8 फरवरी 2021 वैश्विक कोरोना काल में शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की बाधारहित पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए शासकीय प्राथमिक शाला सेक्टर-4 बाल्को में पदस्थ बबीता चौधरी ने विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रिंट रिच वातावरण तथा विभिन्न सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण किया है। प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में भी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही शिक्षिका बबीता चौधरी ने अपनी शाला को स्मार्ट शाला के रूप में विकसित कर तकनीक के माध्यम से शिक्षा देने के लिए स्मार्ट बोर्ड विकसित किया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों में स्कूल बंद हो गए तथा बच्चे पढ़ाई से वंचित हो गए थे। बबीता ने पढ़ाने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत सीजी स्कूल डॉट इन में विभिन्न पाठों से संबंधित विडियोज अपलोड किया। साथ ही उन्होंने बबीता यूट्यूब चैनल के माध्यम से कक्षा पहली से पांचवी तक के गणित और अंग्रेजी विषयों के कई वीडियो अपलोड किए। उन वीडियोस को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विद्यार्थियों को भेजकर उन्हें देखकर-सीखने हेतु प्रेरित किया। सीजी स्कूल डॉट इन में उनके विडियोज स्वीकृत भी हुए हैं तथा सभी पालकों व शिक्षकों के द्वारा उनकी शिक्षण विधियों की खूब सराहना की। सीजी स्कूल डॉट इन के संयोजक ने स्वयं फोन कर उनके बनाए विडियोज की प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया कि ऐसे ही उपयोगी शिक्षण सामग्री अपलोड करते रहिए। बबीता चौधरी अपने संकुल में वेबेक्स के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं लेने वाली पहली शिक्षिका बनी। उन्होंने बच्चों को सीखने का तरीका बताया कि सीजी स्कूल डॉट इन, दीक्षा ऐप, गूगल ट्रांसलेटर यू-ट्यूब, बोलो ऐप, आदि तकनीकों की सहायता से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। अब वे मोहल्ला क्लास में बच्चों को ऑगमेंटेड रियलिटी वीडियो, स्टोरी वीडियो, मिट्टी व कागज के खिलौने, सहायक शिक्षण सामग्री तथा ग्रुप एवम खेल विधियों द्वारा कम समय में अधिक सिखाने का प्रयास कर रही है। "इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं" कार्य-योजना के अंतर्गत एसएमसी के सदस्यों और माताओं को भी अपने बच्चों को सिखाने हेतु प्रेरित कर रही हैं। जनवरी में स्वयं कोरोना संक्रमित होने के बाद भी उन्होंने ऑनलाइन कक्षा व वॉट्सअप ग्रुप के माध्यम से पढ़ाई जारी रखी। प्रतिदिन उपस्थित रहने वाले बच्चों का कोर्स भी पूर्ण हो गया है। बबीता चौधरी ने पढ़ाई के साथ-साथ अन्य ज्ञानात्मक गतिविधियां जैसे चित्र बनाना, कचरे से कला, कुछ गीत आदि भी बच्चों को सिखाया है। वे इस अवधारणा से कार्य कर रही है कि अपने विद्यार्थियों को मजबूत नींव बना सकें ताकि भविष्य में हमारे बच्चे, हमारे जिला, राज्य और देश को मजबूती से आगे बढ़ा सके।

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