निदान शिविरों ने बदली कई लोगों की जिंदगी... : केवल दो ब्लाकों में ही लगभग एक हजार लोगों को पेंशन स्वीकृत हुई!

निदान शिविरों ने बदली कई लोगों की जिंदगी... : केवल दो ब्लाकों में ही लगभग एक हजार लोगों को पेंशन स्वीकृत हुई!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-03-05 08:33 GMT
निदान शिविरों ने बदली कई लोगों की जिंदगी... : केवल दो ब्लाकों में ही लगभग एक हजार लोगों को पेंशन स्वीकृत हुई!

डिजिटल डेस्क | ग्रामीणों की मांग पर एक हजार से अधिक रोजगार मूलक काम मनरेगा में मंजूर कहीं पीने के पानी के लिए हैण्डपंप लगेंगे तो कहीं सिंचाई के लिए बनी कार्ययोजना कोरबा 04 मार्च 2020 कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आठ फरवरी से 13 फरवरी तक लगाए गए निदान शिविरों में लोगों की समस्याओं और मांगो का बड़े पैमाने पर निराकरण हुआ है। निदान शिविरों में शासकीय योजनाओं को लोगों को लाभ दिलाकर कई लोगों की जिंदगी में सकरात्मक परिवर्तन ला दिया है। निदान शिविरों में मिले आवेदनों में से केवल दो विकासखण्डों करतला और कोरबा में ही लगभग एक हजार पात्र हितग्राहियों को एक साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत हो गई है।

कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शिविरों के आयोजन से पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया था कि छोटे-छोटे दस्तावेजों या कार्रवाईयों को शिविर स्थल पर ही शिविर के दिन ही पूरा किया जाए और लोगों को यथासंभव उसी दिन शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। इसी निर्देश पर पंचायत सचिवों, पटवारियों सहित सभी विभागों के मैदानी अमले ने अपने-अपने विभागों से संबंधित योजनाओं से पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने का काम किया। निदान शिविरों से करतला विकासखण्ड में 395 पात्र हितग्राहियों को तो कोरबा विकासखण्ड में 541 हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन, विधवा या परित्यक्ता पेंशन स्वीकृत कर दी गई है। इस महीने से इन सभी हितग्राहियों को पेंशन का लाभ मिलने लगेगा।

इसके साथ ही निदान शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों ने ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत रोजगार मूलक काम की भी मांग की थी जिस पर परीक्षण के बाद जिला पंचायत द्वारा एक साथ एक हजार 010 कामों की स्वीकृति दे दी गई है। कोरोना काल के बाद प्रदेश में सबसे पहले कोरबा जिले में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर लोगों की समस्याओं और मांगो को जानने प्रशासन गांवो तक पहुंचा था। इसका माध्यम निदान 36 शिविर बने थे। जिले में आठ फरवरी से 13 फरवरी तक निदान शिविरों का आयोजन हुआ था। आठ फरवरी से 12 फरवरी तक सभी विकासखण्डों में एक-एक क्लस्टर स्तरीय शिविर लगाया गया था और 13 फरवरी को एक साथ सभी विकासखण्डों में एक-एक विकासखण्ड स्तरीय शिविर लगा था। इन शिविरों में जनसामान्य की राजस्व संबंधी समस्याओं से लेकर बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य आदि समस्याओं का निराकरण यथा संभव मौके पर ही किया गया। नए राशन कार्ड बनाने से लेकर नाम जोड़ने, नाम काटने के काम भी इन शिविरों में तत्परता से हुए।

सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन, पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजने के काम भी इन शिविरों में उसी दिन पूरे किए गए। अब निदान शिविरों में मिले आवेदनों पर की गई कार्रवाई और किए गए समाधान की जानकारी देने निराकरण शिविरों का आयोजन जल्द ही शुरू होगा। निदान शिविर में जानकारी मिलने के बाद पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के सलिहाभाठा ग्राम पंचायत के बालागांव में किसानों को सिंचाई के लिए सौर उर्जा आधारित सिंचाई योजना की भी स्वीकृति दे दी गई है। इस योजना का काम भी प्रारंभिक स्तर शुरू हो गया है। तान नदी पर बनने वाली इस सौर उर्जा आधारित सिंचाई योजना से नदी से लगे लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती-किसानी के लिए 50 से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा आने वाले दिनों में मिलने लगेगी। निदान शिविरों में ही बीमारों की जांच के साथ स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

लंबे समय से छोटे-छोटे कारणों से नहीं बन पा रहे जरूरी दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के लिए भी मौके पर ही औपचारिकताएं पूरी करके लोगों को लाभान्वित किया गया। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार छह दिव्यांगों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने के साथ ही चार दिव्यांगों को तत्काल ट्राइसाईकिल भी उपलब्ध कराई गई है। पाली विकासखण्ड में मिले आवेदनों में से अभी तक 35 पात्र हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गई है। कोरबा तहसील में निदान शिविरों के दौरान राजस्व विभाग द्वारा 147 किसान किताब जारी करने के साथ-साथ 19 फौती नामांतरण, पांच अविवादित नामांतरण के प्रकरण मौके पर ही निपटा दिए गए हैं। कोरबा तहसील में ही 22 छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। निदान शिविरों में पीने के पानी की समस्या को लेकर भी कई गांवो से आवेदन मिले थे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जांच कर 60 जगहों पर नए हैण्डपंप स्थापित करने के लिए बोर खनन की मंजूरी दे दी गई है और 27 बिगड़े हैण्डपंपों को सुधार कर पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने लायक बना दिया गया है।

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