शमशान और तालाब की भूमि पर दबंगों का कब्जा -कैसे हो अंतिम संस्कार

शमशान और तालाब की भूमि पर दबंगों का कब्जा -कैसे हो अंतिम संस्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-01 08:34 GMT
शमशान और तालाब की भूमि पर दबंगों का कब्जा -कैसे हो अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क करेली/नरसिंहपुर । जल संरक्षण को बढ़ावा देने तथा शवों के अंतिम संस्कार के लिए गांवों में तालाब एवं शमशान घाट बनाने की योजना को शासन ने प्राथमिकता दी है, इसके तहत गांव-गांव शासकीय भूमि चिन्हित की गई है, लेकिन शासन की इस योजना को गांव के कतिपय लोग अपनी दबंगता से पलीता लगा रहे हैं। इसकी एक बानगी करेली विकासखंड की ग्राम पंचायत सास बहू कगे गांव चमरुआ में देखने मिल रही है, जहां तालाब एवं शमशान की भूमि पर दबंगों की फसल लहलहा रही है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन जहां असहाय नजर आ रहा है वहीं उच्च प्रशासन शिकायत मिलने का इंतजार कर रहा है।स्थानीय नागरिकों के अनुसार गांव के तालाब और शमशान के लिए जो शासकीय भूमि है उस पर दबंगों ने कब्जा जमा लिया है और खेती कर रहे हैं। ग्रामवासियों द्वारा ग्राम पंचायत में कई बार शिकायत की गई, लेकिन वहां से कोई कार्रवाई नहीं की गई। शमशान घाट तो बना है, लेकिन अतिक्रमण के कारण शेष परिसर का विकास रुका हुआ है। तालाब का तो कोई पता ही नहीं है।
शमशान की जमीन पर खेती
शासकीय रिकार्ड अनुसार ग्राम पंचायत सासबहू के ग्राम चमरुआ में श्मशान के लिए 0.563 एकड भूमि दर्शायी गई है परन्तु मौके पर ग्राम का श्मशान घाट में 20 फीट से भी कम जगह दिखाई देती है बाकि की सारी जमीन पर ग्राम के ही दबंगों का कब्जा है। जिसपर बेखोप बर्षो से खेती की जा रही है। वर्तमान में भी मरघट की इस सरकारी जमीन पर चने की फसल लहलहा रही है।
तालाब में भी लहलहा रही फसल
ग्राम चमरुआ के चिंहित स्थान पर तालाब सिर्फ कागजों में ही दिखाई पड रहा है वास्तविक स्थिति में इस सरकारी भूमि पर भी गांव के ही दबंगों का कब्जा वर्षो से जमा हुआ है जहां वह लगातार ऋतु अनुसार खेती भी कर रहे है जिसके कारण ग्राम का तालाब का क्रियान्वयन ही नहीं हो पा रहा है। कार्यवाही के अभाव में लोग वर्षो से सरकारी भूमि का निशुल्क दोहन कर रहे हंै।  
पंचायत का अपना अलाप
ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों का कहना है कि वर्षो से इन सरकारी भूमि पर लोगों का कब्जा है जिनकी कोई शिकायत नही करता वही ग्रामवासी भी सरकारी जमीन पर चल रहे अतिक्रमण की शिकायत आपसी बुराई  के कारण नही करते। यदि पंचायत द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है तो संबंधित लोगों द्वारा अन्य विकास कार्य में बाधा पहुंचायी जाती है चमरुआ का मुक्तिधाम निर्माण ही बड़े मान मनौअल के बाद संभव हो सका है। वैसे भी अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों को कार्यवाही करना चाहिए।
इनका कहना है
श्मशान और तालाब की भूमि पर किसी भी प्रकार का कब्जा नियम विरुद्ध है मामले की जांच कराकर पटवारी और आरआई से निरीक्षण करा लेते है।
प्रमोद चतुर्वेदी तहसीलदार करेली
पंचायत ने कोई भी लिखित शिकायत नहीं दी है। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के लिए ग्राम पंचायत द्वारा संबंधितों को नोटिस दिलाये जायेंगे और संबंधितों पर कार्यवाही की जायेगी।
राजीव लघांटे सीईओ, जनपद पंचायत करेली

 

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