ड्रग्स माफिया गिरफ्तार, मुंबई-गोवा से जुड़े हैं तार

ड्रग्स माफिया गिरफ्तार, मुंबई-गोवा से जुड़े हैं तार

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-09 09:56 GMT
ड्रग्स माफिया गिरफ्तार, मुंबई-गोवा से जुड़े हैं तार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। LCB ने एक ड्रग माफिया को गिरफ्तार कर उससे माल भी बरामद किया। विदर्भ के सबसे बड़ा ड्रग्स माफिया कहे जाने वाले आबू उर्फ फिरोज खान अजीज खान (47) आजाद नगर बड़ा ताजबाग निवासी आरोपी का नाम है। अपराध शाखा पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में उसकी बस्ती से उसे दबोचा। आबू से करीब 15 ग्राम एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग्स सहित करीब 45 हजार रुपए का माल जब्त किया गया है। पुलिस को बस्ती में देखते ही उसने बनियान में ही भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

पाल रखे हैं खास गुर्गे
मादक पदार्थ विरोधी दस्ते के पुलिस निरीक्षक आर.डी. निकम ने बताया कि, ड्रग्स माफिया आबू की गिरफ्तारी से कई और बड़ी मछलियां जाल में फंसने की संभावना है। आबू के तार मुंबई व गोवा से जुड़े हैं। वह मुंबई से ड्रग्स मंगवाकर नागपुर में छोटे विक्रेताओं को बेचने के लिए देता था। उन्हें माल सप्लाई करना, उनकी पैसे से मदद करना और माल की वसूली करने का काम आबू के कुछ खास गुर्गे करते हैं। पुलिस का कहना है कि, आबू की गोवा और मुंबई के ड्रग्स माफिया का "खास" और भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में पहचान है। 

छोटी उम्र में ही जुड़ गया इस धंधे से
आबू ने छोटी उम्र में ड्रग्स तस्करी और अन्य मादक पदार्थों की खरीदी-बिक्री से जुड़े गिरोह में एक सदस्य के रुप में शामिल होकर आबू काम करने लगा था। चर्चा है कि, एक दशक में आबू अकूत दौलत का मालिक बन गया। उसके इशारे पर कई लोग काम करते हैं। गत दो दिन पहले ही अपराध शाखा पुलिस विभाग के मादक पदार्थ विरोधी दस्ते ने आमिर खान आतिक खान (28), मुंबई, मोहम्मद वकार ऊर्फ गौस मोहम्मद अनीस (25), गायत्री प्लाजा, जावेद ऊर्फ बच्चा अत्ताउल्ला खान (25), बड़ा ताजबाग और अरशद अहमद अशफाक अहमद (21) को एमडी नामक ड्रग्स सहित करीब 4 लाख रुपए के माल के साथ गिरफ्तार किया गया था। 

दाहिना हाथ बच्चा खान से मिली जानकारी
अपराध शाखा पुलिस द्वारा की गई जांच में आबू का "दाहिना हाथ" कहा जाने वाला  बच्चा खान ने आबू के धंधे के बारे में पुलिस को सारी मालूमात दे दी। बच्चा खान की निशानदेही पर  अपराध शाखा पुलिस विभाग के  उपायुक्‍त संभाजी कदम के मार्गदर्शन में मादक पदार्थ विरोधी दस्ते ने बड़ा ताजबाग बस्ती में  छापा मारा।  

अपराध शाखा पुलिस कार्यालय के पास लगी भीड़
सूत्रों ने बताया कि ताजबाग बस्ती के "दाता" माने जाने वाले आबू पर वर्ष 2010 में आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। पुलिस निरीक्षक निकम ने बताया कि, वर्ष 2015 में भी उस पर मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद से वह अपने सारे कार्य पंटरों के माध्यम से किया करता था। इसके बदले में वह पंटरों की जरूरतों को पूरा करता था। अकूत संपत्ति का मालिक आबू के पास सैकड़ों समर्थक हैं। उसकी गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद  कई समर्थक अपराध शाखा पुलिस कार्यालय परिसर में चक्कर काटते देखे गए। चर्चा है कि, आबू पर कार्रवाई न हो इसलिए राजनीतिक स्तर पर भी "फिल्डिंग" लगाने का प्रयास किया जा रहा था। 

तीन साल में एनडीपीएस की पहली कार्रवाई 
पुलिस निरीक्षक निकम ने बताया कि, करीब 3 साल से आबू पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ था। वह खुद के बजाय अपने पंटरों से काम कराने लगा था। एनडीपीएस (मादक पदार्थ दस्ता) ने उसके खिलाफ पहली बार कार्रवाई की है। तीन साल से उसके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। तीन साल में पहली बार एनडीपीएस ने आबू के खिलाफ कार्रवाई की है। 

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