दान-पूजा छोड़ने वाला चिरकाल तक संसार में भटकता रहता है : सुवीरसागर

दान-पूजा छोड़ने वाला चिरकाल तक संसार में भटकता रहता है : सुवीरसागर

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-20 06:28 GMT
दान-पूजा छोड़ने वाला चिरकाल तक संसार में भटकता रहता है : सुवीरसागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दान और पूजा मोक्ष प्राप्ति के उपाय है। दान-पूजा छोड़ने वाला चिरकाल तक संसार में भटकता रहता है। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सदर में व्यक्त किए।  आचार्य सुवीरसागर ने कहा कि आचार्य उमास्वामी रचित तत्वार्थसूत्र अपर नाम मोक्षशास्त्र में श्रावकाचार, मूलाचार, तिलोयपण्णत्ति, तीर्थंकर महापुरुषों का वर्णन, प्रथमानुयोग, करणानुयोग, चरणानुयोग, द्रव्यानुयोग यानी पूरे जिनागम का सार है। तत्वार्थसूत्र सभी को अर्थ सहित याद होना चाहिए ताकि आगे का स्वाध्याय सुलभ हो। आचार्य पूज्यपादस्वामी ने इष्टोपदेश में कहा है कि मुमुक्षु वह है जो अज्ञान-अंधकार को नष्ट करने वाली आत्मा की उत्कृष्ट ज्योति महान ज्ञानरूप है। मोक्ष अभिलाषी पुरुषों को उसी के विषय में पूछना चाहिए। उसी को पाने का प्रयास और दर्शन करना चाहिए। आज जीव संसार में भ्रमण कर रहा है। पाप कर्म द्व्रारा पुत्र, पत्नी आदि के लिए धन अर्जन करता है। इसलिए पुण्यकार्य के लिए समय नहीं है। 

वह दान-पूजा छोड़ देता है और संसार में भटकता रहता है। मंगलवार को सुबह आचार्य सुवीरसागर ने लक्ष्मीनगर से ससंघ विहार किया। श्री पॉर्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सदर में बाजे-गाजे के साथ भक्तों ने आचार्य संघ की अगवानी की।  दीप प्रज्वलन एवं चरण प्रक्षालन भरत सरैया, देवेंद्र विनायके, अजय कासलीवाल, अरुण पाटोदी, गोकुलचंद जैन, चातुर्मास कमेटी के महामंत्री पंकज बोहरा, उपमंत्री दिनेश जैन, सुधीर सावलकर, संतोष जैन  ने किया। मंगलाचरण बबीता गोधा ने गाया।  

 आचार्यश्री का दीक्षा दिन महोत्सव 24 को
 24 नवंबर को आचार्य सुवीरसागर महाराज का 15 वां दीक्षा दिन महोत्सव भक्तों द्व्रारा अहिंसा भवन, इतवारी में दोपहर 1 बजे मनाया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन सकल दिगंबर जैन समाज द्व्रारा किया गया है। 1 दिसंबर को आचार्य संघ का पिच्छी परिवर्तन का कार्यक्रम होगा। 25 दिसंबर से 1 जनवरी 2020 तक श्री पार्श्वोदय तीर्थ नागठाणा में पहली बार भव्य सिद्धचक्र मंडल विधान होगा। पावन सान्निध्य आचार्यश्री सुवीरसागर ससंघ का रहेगा। आयोजक सुवीर संस्कार मंच, नागपुर के अंतर्गत श्री पार्श्वोदय दिगंबर जैन तीर्थ समिति नागठाणा है।
 

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