एलईडी लाइट खरीदी विवादों में , जांच समिति ने रिपोर्ट मनपा को सौंपी

एलईडी लाइट खरीदी विवादों में , जांच समिति ने रिपोर्ट मनपा को सौंपी

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-13 06:48 GMT
एलईडी लाइट खरीदी विवादों में , जांच समिति ने रिपोर्ट मनपा को सौंपी

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। शहर में 1 लाख 30 हजार एलईडी लाइट लगाई गई। 8 ठेकेदारों को लाइट बदलने का ठेका दिया गया। मनपा के नियमित ठेकेदारों को ठेका देने के लिए ग्लाेबल टेंडर को किनारा किया गया। ठाणे मनपा ने फ्री मेंटेनेंस की शर्त पर 80 वॉट की लाइट 924 रुपए में खरीदी। उसी कंपनी की 60 वॉट के लाइट के लिए नागपुर मनपा द्वारा 13035 रुपए चुकाए। मेंटेनेंस के लिए प्रति पोल 80 रुपए अलग से दिए गए। ठाणे और नागपुर मनपा की एलईडी लाइट खरीदी कीमत में जमीन-आसमान का अंतर रहने से इसे लेकर होहल्ला हुआ।तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट मनपा को सौंप दी। मनपा की सर्वसाधारण सभा में रिपोर्ट पेश की जानी है।

दरअसल अगस्त महीने की सर्वसाधारण सभा के एजेंडे में विषय रखा गया था, लेकिन संवेदनशील विषय होने से पहले नगरसेवकों को वाचन के लिए रिपोर्ट की कॉपी देकर अगली सभा में विषय रखने का बहाना बनाकर चर्चा टाल दी गई। सितंबर महीने की सर्वसाधारण सभा में पुन: नेता प्रतिपक्ष के अनुपस्थित रहने से इस विषय पर चर्चा नहीं की गई। पूर्व सत्तापक्ष नेता तथा नगरसेवक संदीप सहारे का आरोप है कि एलईडी लाइट खरीदी में 81 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। जबकि जांच में क्लीनचिट दी गई है। घोटाले की पोल खुलने के डर से िरपोर्ट को दबाया जा रहा है।

पीडब्ल्यूडी के सीएसआर दर का उल्लंघन
पीडब्ल्यूडी का सीएसआर दर 36 वॉट एलईडी डाउन लाइटर के लिए 2112 रुपए और पैनल लाइट के लिए 1897 रुपए है। खरीदी प्रक्रिया में इसका भी उल्लंघन किया गया है।

बिजली बिल घटा नहीं, उल्टे बढ़ गया
एलईडी लाइट पर करोड़ों रुपए खर्च करने के पीछे बिजली बिल कम होने का तर्क िदया गया था। मनपा द्वारा स्ट्रीट लाइट के बिजली बिल के भुगतान पर नजर डालने पर पता चलता है कि िबल कम होना तो दूर, उल्टे बढ़ गया है। वर्ष 2016-2017 में 35.59 करोड़, वर्ष 2017-2018 में 36.74 करोड़ और वर्ष में मार्च से मई महीने तक तीन महीने का बिल 8.6 करोड़ रुपए भुगतान िकया गया है। 

दस्तावेज देने से मना किया
नगरसेवक संदीप सहारे ने लाइट खरीदी से संबंधित दस्तावेज की मांग की। भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से उन्हें जानकारी देने से मना किया गया। आखिरकार उन्होंने सूचना अधिकार का सहारा लेकर अर्जी दायर की। इस पर भी उन्हें रोकने के िलए दस्तावेज का खर्च 1 लाख 5 हजार 196 रुपए भुगतान करने शर्त रखी गई। नियम के अनुसार 2 हजार 23 बिलों की प्रति कॉपी 2 रुपए के हिसाब से 4 हजार 46 रुपए अपेक्षित है। सहारे ने ऊर्जा बचत प्रकल्प पर अमल करने से पूर्व स्ट्रीट लाइट का मनपा द्वारा िकया गया बिल का भुगतान और प्रकल्प पर अमल करने के बाद बिल पर खर्च किए गए रकम की जानकारी मनपा से मांगी थी।
 

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