सेतु के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार , 7 दिन में नहीं 35 दिन में मिल रहे दस्तावेज

सेतु के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार , 7 दिन में नहीं 35 दिन में मिल रहे दस्तावेज

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-05 07:04 GMT
सेतु के लिए करना पड़ रहा लंबा इंतजार , 7 दिन में नहीं 35 दिन में मिल रहे दस्तावेज

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राजस्व विभाग के कर्मचारी व अधिकारी छुट्टी पर होने का असर सेतु के कामकाज पर भी हो रहा है। 7 दिन में मिलने वाले जाति, नेशनलिटी व डोमिसाइल संबंधी प्रमाणपत्रों को अब 30-35 दिन लग रहे हैं। अधिकांश दस्तावेजों पर तहसीलदार व उपजिलाधीश स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर लगते हैं और अधिकारी छुट्टी पर जाने से समय पर दस्तावेज तैयार नहीं हो पा रहे हैं।

 विद्यार्थियों व जरूरतमंदों को कम से कम समय में प्रतिज्ञापत्र, जाति, आय, नेशनलिटी, डोमिसाइल जैसे प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के लिए कलेक्ट्रेट में सेतु कार्यालय बनाया गया है। प्रतिज्ञापत्र तो एक दिन में बन जाता है, लेकिन अन्य दस्तावेजों पर तहसीलदार व उपजिलाधीश स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर लगते हैं। सेतु से बनी फाइल तहसीलदार से होकर उपजिलाधीश के पास पहुंचती है। कर्मचारी छुट्टी पर होने से दस्तावेज बनाने के लिए लगने वाली प्रक्रिया में विलंब होता है और अधिकारी छुट्टी पर होने से दस्तावेज व प्रमाणपत्रों पर समय पर हस्ताक्षर नहीं हो पाते।

देखा जाए तो सेतु से जो रसीद मिलती है, उस पर 7 दिन में प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का उल्लेख होता है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता शुरू हुई तब से लोगों को समय पर प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।  चुनाव की काउंटिंग होने के बाद हालात बदलेंगे, ऐसा लग रहा था, लेकिन  जाति व नेशनलिटी-डोमिसाइल के प्रमाणपत्र मिलने में 30-35 दिन का समय लग रहा है। ओमप्रकाश शिंदे नामक व्यक्ति ने 23 सितंबर को जाति प्रमाणपत्र के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की, लेकिन उसे 2 नवंबर को प्रमाणपत्र मिला। ऐसे कई लोग हैं, जो प्रमाणपत्र समय पर घर नहीं पहुंचने से सेतु कार्यालय पहुंचकर पूछताछ कर रहे हैैं। चुनाव के बाद सरकारी अवकाश आए। अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर गए। दीपावली में कुछ अवकाश आए। फिर अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर गए। इसलिए दस्तावेज बनने में थोड़ा समय हुआ। अधिकारी-कर्मचारी वापस ड्यूटी पर आ गए हैं। अब समय पर दस्तावेज मिलेंगे।    - रवींद्र ठाकरे, जिलाधीश नागपुर
 

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