ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा दे रही राज्य सरकार, एफएसआई में छूट

ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा दे रही राज्य सरकार, एफएसआई में छूट

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-04 11:58 GMT
ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा दे रही राज्य सरकार, एफएसआई में छूट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार फ्लोर स्पेस इंडेक्स(एफएसआई ) में 3 से 7 फीसदी तक छूट देने पर विचार कर रही है। ऐसी इमारतें जिनमें ग्रीन बिल्डिंग के सभी मानकों का पालन किया जाएगा, उन्हें यह छूट मिलेगी। राज्य में यूनिफाइड डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन के लागू होने बाद यह प्रभावी हो जाएगा। 

भविष्य की जरूरत
इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कंट्रोल काउंसिल (आईजीबीसी) के विदर्भ चैप्टर के चेयरमैन और आर्किटेक्ट अशोक मोखा के अनुसार, यह छूट ग्रीन बिल्डिंग के रेटिंग के आधार पर तय होगी। इससे भविष्य में कार्बन उत्सर्जन कम करने जल व ऊर्जा संरक्षण में काफी मदद मिल सकती है। लगातार कम हो रहे जल स्तर के कारण अब जरूरी है कि बनने वाली नई इमारत ग्रीन मानकों का पालन करें। आईजीबीसी काफी समय से यह मांग कर रही थी। अब सरकार इस मामले में पहल कर रही है। इसके साथ ही संपत्ति कर में भी छूट दी जानी चाहिए।

इस आधार पर दी छूट
देश के कई शहरों में यह छूट शुरू हो चुकी है। इमारतों के ग्रीन मानकों का पालन संबंधी रेटिंग आईजीबीसी और ग्रीन रेटिंग फॉर इंटेग्रेटेड हैबिटेट एसेसमेंट (जीआरआईएचए) की ओर से किया जाता है। आईजीबीसी मानक के पालन के आधार पर सिल्वर, गोल्ड, प्लैटिनम और सुपर प्लैटिनम की रेटिंग प्रदान की जाती है। जीआरआईएचए की ओर से स्टार रेटिंग दी जाती है। इन्हीं संगठनों की ओर से प्रदान की गई रेटिंग के आधार पर एफएसआई में छूट मिलती है। इसके तहत तीन स्टार या सिल्वर के लिए  3 फीसदी, 4 स्टार या गोल्ड के लिए 5 और 5 स्टार या प्लैटिनम  के लिए 7 फीसदी की छूट मिलती है। यह छूट प्राप्त करने के लिए भवन निर्माताओं या इमारत बनाने वाले को इन दोनों  संगठनाें में पंजीकरण करवाना जरूरी है। इसके साथ ही राज्य भर में हर शासकीय इमारत के लिए तीन स्टार या सिल्वर मानक अनिवार्य किया जाएगा।  

जानें क्या है ग्रीन बिल्डिंग
निर्माण उद्योग को पर्यावरण के लिए संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की स्थापना की गई है। नॉन प्रॉफिट मोड पर काम करने वाली आईजीबीसी देश भर में भवन निर्माताओं, आर्किटेक्ट, डेवलपर्स को पर्यावरण अनुकूल व दक्ष इमारत बनाने और डिजाइन करने के लिए प्रेरित करती है। ऐसी इमारतों में जल का 20 से 50 फीसदी तक, ऊर्जा का 29 से 30 फीसदी तक संरक्षण संभव है।  

छूट से भरपाई संभव
भविष्य को ध्यान में रखते हुए ग्रीन बिल्डिंग समय की मांग है। मानकों को ध्यान में रखकर निर्माण के कारण बढ़ने वाली लागत की भरपाई एफएसआई में मिली छूट से पूरी हो सकती है। इससे होने वाले लाभ दीर्घकालीन हैं।  
- अशोक मोखा, आईजीबीसी विदर्भ चैप्टर के  चेयरमैन व आर्किटेक्ट
 

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