एमएचटीसीईटी एग्जाम में नहीं होगी निगेटिव मार्किंग, प्रश्नपत्र होंगे बहुवैकल्पिक

एमएचटीसीईटी एग्जाम में नहीं होगी निगेटिव मार्किंग, प्रश्नपत्र होंगे बहुवैकल्पिक

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-25 10:43 GMT
एमएचटीसीईटी एग्जाम में नहीं होगी निगेटिव मार्किंग, प्रश्नपत्र होंगे बहुवैकल्पिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग औरर फार्मसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल द्वारा 2 से 13 मई के बीच ऑनलाइन एमएचटीसीईटी परीक्षा ली जाएगी। 1 जनवरी से 23 मार्च के बीच परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकारे गए। अब रविवार से 31 मार्च तक लेट फीस के साथ ऑनलाइन आवेदन स्वीकारे जाएंगे। बता दें कि, देश में उच्च पाठ्यक्रमों में होने वाली जेईई और नीट जैसी ऑनलाइन परीक्षाओं की फेहरिस्त में एमएचसीईटी भी शामिल हो गई है।

सीईटी सेल ने स्पष्ट किया है कि, इसकी कठिनाई का स्तर भी जेईई और नीट परीक्षा की ही तरह रहेगा। एमएचटीसीईटी को ऑनलाइन करने के पूर्व सीईटी सेल ने विद्यार्थियों, पालकों और शिक्षकों के सुझाव आमंत्रित किए थे। बता दें कि, प्रदेश में हर साल तकरीबन 3 लाख विद्यार्थी हर साल एमएचसीईटी परीक्षा देते हैं। जेईई परीक्षा की तुलना में एमएचसीईटी परीक्षा की कठिनाई जरा कम होती है, इसलिए विद्यार्थियों से इसे भरपूर प्रतिसाद मिलता है, लेकिन अब धीरे-धीरे परीक्षा का पैटर्न अन्य प्रवेश परीक्षाओं की ही तरह किया गया है। अब तक इस परीक्षा के लिए राज्य में 3 लाख 82 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया है।

ऐसे होगा एग्जाम का पैटर्न
इस परीक्षा में राज्य शिक्षा मंडल के 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा में 20 प्रतिशत प्रश्न 11वीं कक्षा से और 80 प्रतिशत प्रश्न 12वीं कक्षा से पूछे जाएंगे। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। 100 अंक के तीन प्रश्नपत्र होंगे। जो बहुवैकल्पिक होंगे।

विद्यार्थियों का स्तर सुधारने का प्रयास
राज्य में तीन लाख, तो हर साल नागपुर विभाग के छह जिलों (नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर, गढ़चिरोली) के करीब 130 परीक्षा केंद्रों पर 40 हजार के करीब विद्यार्थी यह परीक्षा देते है। इंजीनियरिंग में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों को गणित (पेपर-1) और फिजिक्स-केमिस्ट्री (पेपर-2) हल करना अनिवार्य होता है। इसी तरह फार्मसी में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों को फिजिक्स-केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी (पेपर-3) हल करना अनिवार्य होता है। गणित के पेपर के लिए 100 अंक, फिजिक्स-केमिस्ट्री के लिए 50-50 अंक और बायोलॉजी का 100 अंकों का पेपर लिया जाता है। राज्य सरकार प्रवेश परीक्षा के मद्देनजर विद्यार्थियों का स्तर भी सुधारने के प्रयास कर रही है।

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