महाराष्ट्र बनेगा फिर जावड़ेकर का सियासी ठिकाना

महाराष्ट्र बनेगा फिर जावड़ेकर का सियासी ठिकाना

Tejinder Singh
Update: 2017-12-20 14:56 GMT
महाराष्ट्र बनेगा फिर जावड़ेकर का सियासी ठिकाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अजीत कुमार। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का सियासी ठिकाना फिर बदलने वाला है। फिलहाल वे मध्यप्रदेश से राज्यसभा में हैं। उनका कार्यकाल अगले साल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। ऐसे में उन्हें फिर से गृह राज्य महाराष्ट्र से राज्यसभा में लाने की तैयारी है। बता दें कि केन्द्रीय राजनीति में आने के बाद जावड़ेकर सबसे पहले महाराष्ट्र से ही राज्यसभा में पहुंचे थे। इसके बाद साल 2014 में जब उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया, तब वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। लिहाजा आनन-फानन में उन्हें मध्यप्रदेश से खाली हुई सीट से लाया गया। राज्यसभा की यह सीट लोकसभा चुनाव जीत चुके फग्गन सिंह कुलस्ते के इस्तीफे से खाली हुई थी। क्योंकि अब जावड़ेकर 2 अप्रैल 2018 को राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं, तो उन्हें फिर से लाने की कवायद शुरू हो गई है। 

महाराष्ट्र से सदन में आने को उत्सुक

सूत्रों के मुताबिक जावड़ेकर खुद महाराष्ट्र से सदन में आने को उत्सुक हैं। साल 2018 के शुरू में महाराष्ट्र से राज्यसभा के 6 सदस्य रिटायर हो रहे हैं, जिनमें राकांपा के डी पी त्रिपाठी और वंदना चव्हाण, कांग्रेस के राजीव शुुक्ला और रजनी पाटील, शिवसेना के अनिल देसाई और भाजपा के अजय संचेती के नाम हैं। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा को महाराष्ट्र से राज्यसभा की कम-से-कम दो और मेहनत करने पर तीन सीटें मिलने की उम्मीद है। भाजपा नेतृत्व ने महाराष्ट्र की एक सीट जावड़ेकर को देने का मन बना लिया है। यही वजह है कि जावड़ेकर ने अब मध्यप्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र का दौरा बढ़ा दिया है।  

बाहरी चेहरा नहीं चाहते मप्र के भाजपा नेता 

मध्यप्रदेश भाजपा के स्थानीय नेताओं की पहले से नाराजगी रही है कि प्रदेश की राज्यसभा सीट अक्सर बाहरी लोगों को दे दी जाती है। इस समय मध्यप्रदेश से राज्यसभा में मौजूद सदस्यों में प्रकाश जावड़ेकर, एम जे अकबर और ला गणेशन दूसरे प्रांत के हैं। इसके पहले चंदन मित्रा और नजमा हेपतुल्ला भी बाहरी चेहरा थीं। 

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