माजरी-वणी रेलवे गेट नंबर 31 बना सिरदर्द

भद्रावती माजरी-वणी रेलवे गेट नंबर 31 बना सिरदर्द

Tejinder Singh
Update: 2022-03-21 13:28 GMT
माजरी-वणी रेलवे गेट नंबर 31 बना सिरदर्द

डिजिटल डेस्क, भद्रावती. ट्रेन आने का कोई समय न होने से माजरी-वणी रेलवे गेट नंबर 31 को घंटों के लिए बंद कर दिया जाता है। इससे काम पर जाने वाले कोयला खदान के कर्मचारी, कामगारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, उन्हें काम पर पहुंचने में देरी होती है। इसके अलावा ग्रामीणों को भी िदककतें होती है। ऐसे में परेशान होकर राष्ट्रीय कोयला खदान श्रमिक संघ के अध्यक्ष धनंजय गुंडावर ने सांसद बालू धानोरकर, डिविजनल रेलवे मैनेजर मध्य रेलवे नागपुर और रेलवे स्टेशन प्रबंधक माजरी जंक्शन को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। साथ ही इस संबंध में उचित कार्रवाई करने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की है। ज्ञापन में बताया गया कि, इस मार्ग से आवागमन करने वाले तथा वेकोलि कामगारों को कई सालों से बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वेकोलि माजरी क्षेत्र में अनेक खुली कोयला खदान है। काेयला खदानों में कार्यरत कामगार अपने कार्यस्थल से घर आना-जाना करने के लिए जिस मार्ग का प्रयोग करते हैं उसी मार्ग पर रेलवे लाइन गेट नंबर 31 है, लेकिन यह रेलवे गेट एक से दो घंटे तक बंद रहता है। साथ ही ट्रेन आने का सिग्नल बंद होने के बावजूद भी गेट बंद कर दिया जाता है। जिसके कारण कामगार समय पर अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे उनकी नौकरी पर हाजिरी नहीं लग पाती है। साथ ही इस मार्ग पर आवागमन करने वाले अन्य प्रवासियों को भी बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

एंबुलेंस को भी रूकना पड़ता है : इतना ही नहीं तो कई बार मरीज लेकर जाने वाली एंबुलेंस को भी घंटों रूकना पड़ता है। सालों से इसी तरह की परेशानी को देखते हुए राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ द्वारा सांसद बालू धानोरकर, डिविजनल रेलवे मैनेजर मध्य रेलवे नागपुर और रेलवे स्टेशन प्रबंधक माजरी को ज्ञापन देकर चर्चा की गई। ज्ञापन देते समय राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ के अध्यक्ष धनंजय गुंडावार, सचिव परमानंद चौबे, दिलीप पारखी, आनंद पिंपलकर, अनिल मंदे आदि उपस्थित थे।

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