टेलीफोन विभाग को 8 लाख का चूना लगाने वाले को जेल -प्रोग्रामिंग सिस्टम से की थी छेड़छाड़

टेलीफोन विभाग को 8 लाख का चूना लगाने वाले को जेल -प्रोग्रामिंग सिस्टम से की थी छेड़छाड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-22 12:21 GMT
टेलीफोन विभाग को 8 लाख का चूना लगाने वाले को जेल -प्रोग्रामिंग सिस्टम से की थी छेड़छाड़

डिजिटल डेस्क कटनी । टेलीफोन एक्सचेंज बरही के कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग सिस्टम में छेड़छाड़ कर लोकल फोन से एसटीडी व आईएसडी सुविधा जोड़कर विभाग को 8 लाख की क्षति पहुंचाने के मामले पर फैसला सुनाते हुए न्यायालय उमेश कुमार पटेल न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी बरही उमेश कुमार पटेल ने प्रकरण के छह अभियुक्तों को कारावास की सजा सुनाई है।
15 साल पुराना है मामला
मामले के दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए जबकि एक के शुरू से अब तक फरार होने के कारण फैसला नहंी सुनाया गया। बरही एक्सचेंज की प्रोग्रामिंग मेें छेड़छाड़ किए जाने का बहुचर्चित मामला वर्ष 2002 का है। अभियोजन के मुताबिक 13 जून 2002 से 14 जून 2002 के आसपास बरही नगर के 4 लोकल टेलीफोन नंबर 74033 , 74040,74039 व 74041नंबर पर दूरसंचार विभाग की तकनीकी प्रणाली में छेड़छाड़ कर एसटीडी व आईएसडी सुविधा प्रदान करने गई थी। जिस पर पुलिस ने आरोपी हॉफिज मोहम्मद अली निवासी मनगवां रीवा, बसीम अहमद निवासी पहाड़पुर अजामगढ़ ,अरशद अली निवासी बगही चंदोली, मोहम्मद रासीद खान निवासी दुलईपुर चंदोली, गुलाब साहू निवासी पहारिया बड़वारा, घनश्याम दास सोनी एसडीओ निवासी राजीव गांधी वार्ड कटनी, अकबर हुसैन निवासी बरही, मोह. शरीक निवासी अजामगढ व राजकुमार तिवारी निवासी ग्राम जमुनिया रीठी के खिलाफ धारा 379,120 बी,420 व भारतीय टेलीग्राफ एक्ट की धारा 25 व 27 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। बरही पुलिस द्वारा प्रकरण के अनवेषण और गवाहों के कथन लेखबद्ध करने के पश्चात केस डायरी न्यायालय में प्रस्तुत की। एडीपीओ अभिषेक मेहरोत्रा ने बताया कि प्रकरण में न्यायालय न्यायिक मजिस्टे्रट बरही उमेश कुमार पटेल ने अभियोजन द्वारा साक्ष्य दस्तावेजो व गवाहों के बयानों का परिसीलन करते हुए मामले मेें 6 आरोपियों को दोषसिद्ध पाया है।
 एसडीओ को ती साल की जेल
    न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में सजा से दंडित किया गया है। एसडीओ टेलीफोन घनश्याम सोनी को धारा 409 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास व 4 हजार रुपए के अर्थदण्ड धारा 120 बी में 6 माह व धारा 25 टेलीग्राफ  एक्ट में दो साल की सजा से दंडित किया गया है। अभियुक्त बसीम अहमद, अभियुक्त अरशद अली, मोहम्मद रसीद खान, मोह. शरीक व अभियुक्त हॉफिज मोहम्मद अली में प्रत्येक को भारतीय टेलीग्राफ एक्ट की धारा 25 के आरोप में दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा व 4 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ ही  धारा 120 बी के दोषसिद्ध अपराध पर 6 माह के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अभियुक्त राजा उर्फ अरशद के शुरु से फरार होने के कारण निर्णय घोषित नहीं किया गया जबकि दो आरोपी साक्ष्य के अभाव मेें बरी हो गए।

 

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