मनपा के शिक्षा विभाग में 315 शिक्षक अतिरिक्त,28 स्कूलों का है संचालन

मनपा के शिक्षा विभाग में 315 शिक्षक अतिरिक्त,28 स्कूलों का है संचालन

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-12 08:06 GMT
मनपा के शिक्षा विभाग में 315 शिक्षक अतिरिक्त,28 स्कूलों का है संचालन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के 315 शिक्षकों को अतिरिक्त ठहराया गया है। मनपा की वेबसाइट पर अतिरिक्त शिक्षकों की सूची जारी कर 24 घंटे के भीतर आपत्ति दर्ज कराने का फरमान भी जारी किया गया है। इस फरमान से मनपा के शिक्षा विभाग में भूचाल आ गया है। मनपा द्वारा 28 माध्यमिक स्कूलों का संचालन किया जाता है। इसमें 17 स्कूलों को सरकारी अनुदान है। 11 स्कूल गैरअनुदानित हैं। शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 की पद मंजूरी के अनुसार अनुदानित स्कूलों की विद्यार्थी संख्या के आधार पर शिक्षकों के पद मंजूर किए गए। इनमें से अनेक पद रिक्त हैं। गैरअनुदानित स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का रिक्त पदों पर समायोजन अपेक्षित था। इसे नजरअंदाज कर गैरअनुदानित पदों को जिला परिषद शिक्षा विभाग की मंजूरी नहीं मिलने का आधार लेकर शिक्षकों को अतिरिक्त ठहराया गया है। अतिरिक्त शिक्षकों को पत्र देकर सूचित करने का सौजन्य भी नहीं दिखाने से शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई है।

हिंदी माध्यम से सर्वाधिक 255
अतिरिक्त ठहराए गए शिक्षकों में मराठी माध्यम के 19, उर्दू माध्यम के 33 और हिंदी माध्यम के सर्वाधिक 255 शिक्षक शामिल हैं।

20 पद रिक्त
जहां शिक्षकों को अतिरिक्त ठहराया गया है, वहीं मनपा के शिक्षा विभाग में 20 महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं। माध्यमिक स्कूल के 11 मुख्याध्यापक, प्राथमिक स्कूल के 10 मुख्याध्यापक, 2 क्रीड़ा अधिकारी व निरीक्षक पद रिक्त हैं। 

प्रतिनियुक्ति नजरअंदाज
सर्व शिक्षा अभियान विभाग में 14 कर्मचारी हैं। इसमें से अनेक कर्मचारियों काे अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। शिक्षकों को अतिरिक्त ठहराने की प्रक्रिया में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए कर्मचारियों को नजरअंदाज किया गया है। शिक्षा विभाग की आस्थापना पर रहकर भी शैक्षणिक कार्य से हटाकर अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है।

बालवाड़ी के शिक्षक भी अतिरिक्त
निजी शैक्षणिक संस्थाओं ने शहर की गली-गली में प्री-प्राइमरी स्कूल खोल रखे हैं। प्री-प्राइमरी स्कूल से प्राथमिक स्कूल संलग्न हैं। प्री-प्राइमरी के बाद उसी स्कूल में पहली कक्षा में विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। मनपा स्कूलों को विद्यार्थी मिलना मुश्किल हो गया। इस समस्या से निपटने के लिए मनपा ने वर्ष 2015 में निर्णय लेकर प्री-प्राइमरी स्कूल के समकक्ष 80 आंगनवाड़ियां खोलीं। आंगनवाड़ी पर आने वाले खर्च का निर्वहन की मनपा की अपनी जिम्मेदारी है। प्री-प्राइमरी स्कूल पर किसी का नियंत्रण नहीं है। मनपा को संपूर्ण अधिकार रहने के बावजूद बालवाड़ियों के शिक्षकों को भी अतिरिक्त ठहराया गया है। मनपा के इस निर्णय का मनपा शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है।
 

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